बरेली,
प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र की रीढ़
गोष्ठी की मुख्य अतिथि जिला सूचना अधिकारी नीतू कन्नौजिया ने प्रेस को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ बताते हुए कहा, “जब तक पत्रकारिता स्वतंत्र और निष्पक्ष है, लोकतंत्र सुरक्षित और सशक्त रहेगा।” उन्होंने पत्रकारों से निर्भीक और तथ्यपरक पत्रकारिता करने का आह्वान किया।
पत्रकारिता: एक मिशन, न कि केवल पेशा
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री शंकर दास ने की। उन्होंने युवाओं से पत्रकारिता को जनसेवा का माध्यम मानते हुए कहा कि सच्चाई और निडरता ही पत्रकार की असली पहचान होती है।
स्वतंत्रता बनाम जिम्मेदारी
उपज के प्रदेश उपाध्यक्ष आरके सिंह ने कहा कि जहां प्रेस की स्वतंत्रता जरूरी है, वहीं पत्रकारों को अपनी सीमाओं और सामाजिक उत्तरदायित्व का भी भान होना चाहिए।
अंतरात्मा की पत्रकारिता की पुकार
उपज के अध्यक्ष आशीष गुप्ता ने कहा, “आज का दिन केवल स्मरण का नहीं, आत्ममंथन का भी है। हम खबरों से समाज को दिशा देते हैं – इसलिए निष्पक्षता और संवेदनशीलता हमारी मूल पूंजी होनी चाहिए।”
इतिहास से सबक और वर्तमान की चुनौतियाँ
वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप तिवारी ने प्रेस सेंसरशिप के ऐतिहासिक संदर्भ रखते हुए कहा कि पत्रकारों को जनहित से जुड़े मामलों में पूर्ण स्वतंत्रता मिलनी चाहिए, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी रिपोर्टिंग में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
बदलते दौर में पत्रकारिता की आत्मा
वरिष्ठ पत्रकार संजीव गंभीर ने कहा, “तकनीक बदली, माध्यम बदले, पर पत्रकारिता की आत्मा – स्वतंत्रता और सत्य – आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।”
अनुभवों से सीखते युवा
अनुभवी पत्रकार अनुरोध भारद्वाज ने छात्रों को अपने जीवन के अनुभवों से यह समझाया कि पत्रकारिता की राह कठिन जरूर है, लेकिन समाज निर्माण में इसकी भूमिका अतुलनीय है।
सम्मान और प्रेरणा
इस अवसर पर भास्कर न्यूज़ के वरिष्ठ पत्रकार भीम मनोहर को उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए ‘उपज’ द्वारा सम्मानित किया गया, जो उपस्थित सभी पत्रकारों व छात्रों के लिए एक प्रेरणास्पद क्षण रहा।
विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया
इन्वर्टीज़ विश्वविद्यालय के छात्रों ने वरिष्ठ पत्रकारों के विचार सुनकर खुद को सौभाग्यशाली बताया और कहा कि यह दिन उनके लिए ऐतिहासिक बन गया क्योंकि उन्हें पत्रकारिता के मूल स्वरूप को समझने का सजीव अवसर प्राप्त हुआ।
गोष्ठी का समापन
कार्यक्रम का समापन प्रेरणादायी शायरी, सामूहिक विचार-विमर्श और राष्ट्रहित में पत्रकारिता को समर्पित रखने की शपथ के साथ हुआ।
उल्लेखनीय उपस्थिति
गोष्ठी में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे – इन्वर्टीज़ विश्वविद्यालय के जर्नलिज्म डीन राजेश शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार राम विलास सक्सेना, दिनेश दयाल सक्सेना, विकल्प कुदेशिया, विशाल गुप्ता, रंजीत शर्मा, लोटा मुरादाबादी, मुकेश पांडे, सिरोज़ खान, शुभम सिंह, सुयोग्य सिंह समेत अनेक प्रतिष्ठित पत्रकार और बुद्धिजीवी।
