बरेली स्वास्थ्य विभाग की  अपील : सांसो की डोर थामने के लिए प्लाज्मा का करे  डोनेट 

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बरेली स्वास्थ्य विभाग की  अपील : सांसो की डोर थामने के लिए प्लाज्मा का करे  डोनेट 

भीम मनोहर

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बरेली | कोरोना संक्रमितों की जिंदगी बचाने में प्लाज्मा  थेरेपी एक वरदान है | लेकिन कोरोना संक्रमितों का दुर्भाग्य है कि बड़ी संख्या में  संक्रमित सही होने के बाद भी प्लाज्मा डोनेट नहीं कर रहे है | ऐसे में कई परिवार अपने करीबी  को खो रहे है | कही किसी के ऊपर से पिता का साया छिन रहा है तो कही मां | दरसल प्लाज्मा एक ऐसी तकनीक है जिसे भारत में सबसे पहले दिल्ली सरकार ने इस्तेमाल किया और बड़ी संख्या में लोगो की जिंदगियां बचाई गई | इनदिनों  कोरोना की दूसरी लहर में  अस्पतालों में प्लाज्मा दान दाताओं का अकाल है। मरीज और तीमारदार प्लाज्मा के लिए भटक रहे हैँ | लेकिन उन्हें सहायता नहीं मिल पा रही है |तीमारदार सोशल मीडिया के सहारे प्लाज्मा की गुहार लगा  रहे हैं। वही स्वास्थ्य विभाग भी प्लाज़्मा की कमी का तोड़ निकालने का प्रयास कर रहा  है |

बरेली स्वास्थ्य विभाग की  अपील : सांसो की डोर थामने के लिए प्लाज्मा का करे  डोनेट 

 जानिए कौन कर सकता है प्लाज़्मा डोनेट 

बरेली के जिला अस्पताल में तैनात एसीएमओ रंजन गौतम बताते है कि  ऐसे कोरोना संक्रमित जिनको सही हुए 28 दिन का समय हो  चुका  है |वह तीन महीने की अविधि में प्लाज्मा का दान कर सकते हैं।  डॉक्टर रंजन गौतम का कहना है कि वह सही हो चुके कोरोना संक्रमितों से अपील करते है | इस परेशानी की घड़ी में वह मानवीय आधार पर  प्लाज्मा डोनेट करे  | ताकि लोगो की जिंदगियां बचाई जा सके |  प्लाज्मा थैरेपी खून के तरल पदार्थ को रक्त कोशिकाओं से करती है अलग : 

प्लाज्मा थेरेपी  साइंस में प्लास्माफेरेसिस कहलाती  हैं। इस  प्रक्रिया  से प्लाज्मा को रक्त कोशिकाओं से अलग किया जाता है । इसके बाद अगर किसी व्यक्ति के प्लाज्मा में अस्वस्थ टिशू मिलते हैं तो उसका इलाज शुरू किया जाता है।

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Author: cradmin

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