बरेली।शेरगढ़ पुलिस ने लूट, हत्या और रंगदारी जैसी जघन्य वारदातों को अंजाम देने वाले एक खूंखार गिरोह पर शिकंजा कसते हुए गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। इस गिरोह को “डी-236” नाम दिया गया है और इसके सरगना सतीश को गैंग लीडर घोषित किया गया है।
गिरोह के कुल आठ सदस्यों की पहचान कर ली गई है, जिनकी संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी की जा रही है।पुलिस जांच में सामने आया है कि इस गिरोह ने बीते साल कई हत्याओं और लूट की वारदातों को अंजाम देकर इलाके में आतंक फैला रखा था। गिरोह के सदस्य रनवीर सिंह (ग्राम मिर्जापुर), देवेंद्र उर्फ देवा, दीपक, जितेंद्र उर्फ लुक्का डॉन (सियाठेरी), भूपेंद्र (मधुकरपुर), बौद्ध शरण उर्फ बुद्धा (मौज्जम नगला) और रितिक (गुलड़िया) गंभीर आपराधिक मामलों में वांछित रहे हैं।
तीन बड़ी वारदातें, एक ही पैटर्न
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, गिरोह की पहली बड़ी वारदात 21 जुलाई 2024 को सामने आई, जब ग्राम सिंगौथी निवासी सज्जाद अहमद की लूट के इरादे से बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने सिर पर लोहे की रॉड और डंडों से हमला कर उसकी मौके पर ही जान ले ली।
इसके बाद 18 नवंबर 2024 को ग्राम खुटिया निवासी अरविंद पर धारदार हथियार से हमला कर उसका मोबाइल और अन्य सामान लूट लिया गया। वहीं 20 दिसंबर को ग्राम केशौपुर के सूरजपाल की हत्या कर मोबाइल और पर्स लूट लिया गया। उसके सिर और चेहरे पर धारदार हथियार से कई बार वार किया गया।
मुठभेड़ों में कई गिरफ्तार, सरगना भी चढ़ा पुलिस के हत्थे
इन वारदातों के बाद पुलिस ने लगातार दबिश दी। 25 सितंबर को रितिक और जितेंद्र मुठभेड़ में घायल होकर गिरफ्तार हुए, जबकि सतीश मौके से फरार हो गया था। 28 दिसंबर को पुलिस ने एक और मुठभेड़ के दौरान सतीश को गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया।
संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया शुरू
एसएसपी अनुराग आर्य ने मीडिया को बताया कि गिरोह के सभी सदस्यों की संपत्तियों को चिन्हित कर लिया गया है और उन्हें जल्द ही गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त किया जाएगा। यह कार्रवाई अपराधियों की आर्थिक कमर तोड़ने और क्षेत्र में कानून व्यवस्था बहाल करने के उद्देश्य से की जा रही है।
