बरेली। एक दर्दनाक उदाहरण ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कुत्ता काटने के मामले में जरा सी लापरवाही भी जानलेवा हो सकती है। संभल जिले के बहजोई निवासी एक किशोरी की हालत कुत्ते के काटने के चार साल बाद अचानक बिगड़ गई। बुधवार को परिजन उसे जिला अस्पताल बरेली लेकर पहुंचे, जहां हाइड्रोफोबिया (जलभय) के लक्षण नजर आने पर डॉक्टरों ने उसे तत्काल हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया।
घटना के अनुसार, 15 वर्षीय वंशिका को वर्ष 2021 में एक पालतू कुत्ते ने काट लिया था। परिजनों का कहना है कि उस समय एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाई गई थी। लेकिन तीन दिन पहले उसकी तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। बच्ची को पानी देखकर डर लगने लगा और वह बेचैनी महसूस कर रही थी।
पहले उसे बिनावर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले जाया गया, जहां इलाज के बावजूद हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद वंशिका को जिला अस्पताल, बरेली लाया गया।
डॉ. वैभव शुक्ला (ईएमओ) के अनुसार, किशोरी में हाइड्रोफोबिया के स्पष्ट लक्षण नजर आए हैं। यह रेबीज का आखिरी और खतरनाक चरण माना जाता है। परिजनों से जब वैक्सीन की पूरी डोज लेने की जानकारी मांगी गई तो वे स्पष्ट जानकारी नहीं दे सके। फिलहाल मरीज को तुरंत हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है।
सावधानी बेहद जरूरी
विशेषज्ञों के अनुसार, कुत्ता या अन्य पालतू जानवर काटे तो एंटी रैबीज वैक्सीन की पूरी डोज और सही समय पर लेना बेहद जरूरी है। कई बार शुरुआती लक्षण न दिखने के कारण लोग लापरवाही कर बैठते हैं, जो बाद में गंभीर परिणाम दे सकती है।
