बरेली:
मौलाना रजवी ने कहा, “हैदराबाद के टी. राजा, महाराष्ट्र के नितीश राणे, गाजियाबाद के विधायक नंद किशोर गुर्जर और स्वामी राम भद्राचार्य जैसे लोग कुर्बानी पर रोक की मांग कर रहे हैं। यह त्योहार कोई नया नहीं है, बल्कि 1450 वर्षों से मुस्लिम समाज इसे परंपरागत रूप से मनाता आ रहा है। इसे रोका नहीं जा सकता।”
उन्होंने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि कुर्बानी इस्लाम का अहम हिस्सा है, जिसे छोड़ना संभव नहीं। हालांकि, सभी को कानून और सौहार्द का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा, “प्रतिबंधित जानवरों की कुर्बानी से परहेज़ करें। अन्य धर्मों की भावनाओं का भी पूरा ध्यान रखें। कुर्बानी खुले स्थानों पर न करें, बल्कि बंद और तयशुदा स्थानों पर ही करें। जानवरों के अवशेष सड़कों या गलियों में न फेंके, बल्कि उन्हें ज़मीन में दफन कर दें।”
मौलाना ने यह भी कहा कि सभी मुसलमानों को चाहिए कि वे ईद-उल-अजहा के त्योहार को शांतिपूर्ण और स्वच्छ तरीके से मनाएं, ताकि भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे।
