
हरिद्वार । वन्य जीव संरक्षण व संवर्धन में राज्य में अहम भूमिका निभा रहा राजाजी टाइगर रिजर्व, अब ग्रामीणों को रोजगार देने की दिशा में भी कार्य करने लगा है। राजाजी टाइगर रिजर्व की सीमा से सटे आबादी वाले गांव में लोगों को रोजगार उपलब्ध करने के लिए राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकारियों ने नई मुहिम शुरू की है । इस मुहिम के तहत अब पार्क से सटे ग्रामीण क्षेत्रों के लोग “इको विकास समिति” के माध्यम से रोजगार कर सकेंगे। इसको लेकर पार्क की गौहरी रेंज में कल से तीन दिवसीय मशरूम वह शहद उत्पादन का प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। इको विकास समिति कुनाउ के बैनर तले तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 24 ग्रामीण प्रशिक्षण ले रहे हैं ।
यहां से प्रशिक्षण लेने के बाद ये लोग अपने क्षेत्रों में जाकर मशरूम उत्पादन व शहद उत्पादन कर सकेंगे । पार्क महकमा प्रशिक्षण के साथ ही, इन्हें इन कार्यों को करने के लिए सहयोग भी करेगा । कुनाउ बंगले में आयोजित इस कार्यक्रम में पार्क महकमे के निदेशक डॉ साकेत बडोला ने लोगों को बड़ी संख्या में आकर प्रशिक्षण लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम वन्य जीव संरक्षण व संवर्धन के लिए कार्य कर रहे हैं, मगर इसके साथ ही वन क्षेत्रों से सटे लोगों को भी रोजगार मुहैया करवाना होगा । जब लोगों को अपने घर में ही रोजगार मिलेगा तो वे आर्थिक रूप से तो मजबूत होंगे ही, वही वन्यजीवों के संरक्षण और संवर्धन में भी अहम भूमिका निभाएंगे। कार्यक्रम में चीला वन्यजीव प्रतिपालक प्रशांत हिन्दवान के साथ ही चंद्र मोहन सिंह ने स्थानीय ग्रामीणों को मशरूम के उत्पादन के तौर तरीके व मधुमक्खी पालन के माध्यम से शहद निकालने की तकनीक का प्रशिक्षण दिया ।
इस कार्यक्रम में उपस्थित प्रशिक्षण लेने आए स्थानीय ग्रामीणों ने पार्क महकमे की सराहना करते हुए इसे एक बेहतर प्रयास बताया । उन्होंने कहा कि भविष्य में युवा वर्ग इस तरह के कार्यक्रमों से जुड़ कर अपने घर में ही रोजगार कर आर्थिकी कमा सकेगा।
वन्य जीव संरक्षण संवर्धन के साथ ही हमने ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करवाने की पहल की है। जल्द ही राजाजी टाइगर रिजर्व की अन्य रेंजों में मौजूद एको विकास समितियों के माध्यम से अन्य छेत्रो के ग्रामीणों को भी इस रोजगार परक योजना से जोड़ा जाएगा।
डॉ साकेत बडोला, निदेशक , राजाजी टाइगर रिजर्व
“निदेशक महोदय द्वारा शुरू की गई, यह पहल भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी। इसके माध्यम से स्थानीय लोगो को घर मे ही रोजगार उपलब्ध होगा ”
मदन रावत, वनक्षेत्राधिकारी, गोहरी
