होली की खुशी न हो बदरंग, प्राकृतिक रंगों का करें इस्तेमाल: डॉ. विनय कुमार पाल

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आदर्श कुमार
मीरगंज। आगामी 14 मार्च को होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा, लेकिन केमिकल युक्त रंगों से त्वचा और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. विनय कुमार पाल ने जनता से अपील की है कि होली को सुरक्षित और प्राकृतिक रंगों के साथ मनाएं।
डॉ. विनय कुमार पाल ने कहा कि बाजार में मिलने वाले सिंथेटिक रंगों में हानिकारक केमिकल होते हैं, जो त्वचा में खुजली, रेशेज, एलर्जी, आंखों में जलन और अस्थमा रोगियों के लिए सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। उन्होंने प्राकृतिक और हर्बल रंगों के उपयोग को प्राथमिकता देने की सलाह दी।
होली खेलते समय रखें ये सावधानियां:
 त्वचा पर सरसों या नारियल का तेल लगाएं ताकि रंग आसानी से हट जाए। गुलाल व हर्बल रंगों से होली खेलें, केमिकल युक्त रंगों से बचें।आंखों, मुंह और नाक में रंग जाने से बचें।होली के बाद ताजे पानी और हल्के साबुन से त्वचा को साफ करें।
इसके साथ ही डॉ. विनय कुमार पाल ने समाज के सभी वर्गों से सुरक्षित और खुशहाल होली मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि होली का पर्व प्रेम, उल्लास और भाईचारे का संदेश देता है, इसे स्वस्थ और आनंदमयी बनाना चाहिए।
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Author: newsvoxindia

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