बरेली।
प्राधिकरण के अनुसार जुबैर ने बिना मानचित्र स्वीकृति और किसी वैध अनुमति के यह निर्माण कराया था। उसे पहले नोटिस भी जारी किया गया, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को अंजाम दिया गया। कार्रवाई के दौरान पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर तैनात रहे ताकि कानून व्यवस्था बनी रहे।
जुबैर की आपराधिक पृष्ठभूमि काफी लंबी है। उसके खिलाफ पशु तस्करी, अवैध हथियार और हिंसा सहित 13 मुकदमे दर्ज हैं। 6 जून को उसे पुलिस ने विकास भवन के पीछे से तमंचा और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, जमानत पर छूटने के बाद वह फरार था और लंबे समय तक मुंबई में छिपा रहा। हाल ही में उसकी वापसी की जानकारी मिलते ही पुलिस ने घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया।
बीते बुधवार को बीडीए की इस कार्रवाई के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। यह कदम सरकार की अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति और अवैध निर्माण पर सख्ती के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।प्रशासन की इस सख्त कार्रवाई से अन्य आपराधिक तत्वों में भी खौफ का माहौल है।
