बरेली का टारजन धीरज पाठक , एक नहीं  हजारों जानवरों का कर चुके है रेस्क्यू

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बरेली । सुभाष नगर थाना क्षेत्र के रहने वाले धीरज पाठक की पहचान पशु ,पक्षी प्रेमी के रूप में जिले में ही  नहीं पूरे मंडल में है। जहां से भी पशु पक्षी जीवन पर संकट आता है तो वह एक आवाज पर मौके पर न पहुंचते है। धीरज इस तरह अपने जीवन के करीब 20 साल पशु पक्षी प्रेमी के रूप में दे चुके है। यही वजह है उन्होंने शादी नहीं की । उनसे पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी भी प्रभावित है।
और वर्तमान वह मेनका गांधी के ट्रस्ट पीएफए के काम करते है। मेनका गांधी ने उनके सेवाभाव से प्रभावित होकर उन्हें एक स्कूटर भी गिफ्ट किया था। आज धीरज की पहचान बरेली के टारजन के रुप मे हो चुकी है। उन्होंने इसी वजह शादी नहीं की , और अपना पूरा समय पशु पक्षी सेवा के रूप में दे रहे है। उन्हें वर्तमान में डीएम बरेली से 2 स्कूटर , 3 स्कूटर मेनका गांधी से भी मिल चुके है।
सारस के मॉनिटर लीजार्ड का धीरज ने किया रेस्क्यू
सुभाष नगर थाना क्षेत्र के धीरज को पता चला कि एक सारस घायल हो गया है। इसके बाद वह अंगूरी टाडा गांव पहुंचे और बमुश्किल सारस का रेस्क्यू किया । उसे इलाज देने के बाद वनविभाग की टीम को सूचित किया । इसके बाद वनविभाग की टीम ने उसे अपनी गिरफ्त में रखने के बाद सुरक्षित जगह पर छोड़ दिया। वहीं धीरज ने एक खतरनाक मॉनिटर लीजार्ड का रेस्क्यू किया , जिसका तीन दिन आईवीआरआई में इलाज चला पर ब्रेन डेमेज होने के चलते उसकी जान नहीं बच सकी।
2 साल की सेवा के बाद मेनका गांधी का जीता विश्वास
धीरज पाठक ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन कबूतर से लेकर बंदर , गायों के साथ ना जाने कितने जानवर का रेस्क्यू किया । उनके जीवन मे इस काम की शुरुआत 1997 से हुई । जब उन्हें एक चूहा मिला , जिसका जीवन उन्होंने अपनी मां के साथ बचाया , इस दौरान वह हाईस्कूल में पढ़ते थे साथ मे ट्यूशन भी पढ़ाते थे ।
जब लोगों को पता चला कि यह लड़का जानवरों को बचाने नाले तालाब में घुस जाता है इसके बाद लोगों ने अपने बच्चों की ट्यूशन छुड़वा दी। इस बीच धीरज चाट का ठेला लगाकर अपनी परिवार और पशु पक्षियों की सेवा करते रहे।इसके बाद धीरज की मुलाकात मेनका गांधी से हुई औऱ धीरज ने कहा कि वह जानवरों की सेवा करना चाहते है तो मेनका ने कहा पहले दो साल परिवार से दूर रहकर सेवा करो , इसके बाद धीरज ने अपना परिवार छोड़ दिया तब से वह मेनका गांधी का सेल्टर हाउस देखते है।
आज मेनका गांधी की तरफ से उनके सेल्टर हाउस के करीब 3 लाख रुपये की हर महीने मदद आती है जो धीरज की देखरेख में खर्च होती है।
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Author: newsvoxindia

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