बरेली। सूफी संत, आलिमे-दीन और इस्लामी विचारधारा के प्रतीक आला हज़रत इमाम अहमद रज़ा खां फाज़िल-ए-बरेलवी के 107वें उर्स-ए-रज़वी का आगाज़ 18 अगस्त 2025 से होगा। तीन दिवसीय यह रूहानी आयोजन बरेली की दरगाह ताजुश्शरिया और जमीअतुर्रज़ा में अकीदत और उल्लास के साथ संपन्न होगा, देश और विदेशों के अकीदतमंदों का कारवां यहां पहुंचने लगा है।
उर्स को लेकर तैयारियां तेजी से चल रही हैं। आयोजन से जुड़े संगठन जमात रज़ा मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान उर्फ फरमान मियां ने बताया कि इस वर्ष उर्स में शामिल होने के लिए यूके, दुबई, साउथ अफ्रीका, मारीशस, इंग्लैंड, सऊदी अरब, सिंगापुर और ऑस्ट्रेलिया सहित तमाम देशों और भारत के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में जायरीन बरेली पहुंचने लगे हैं।
उर्स में शरीक होने वालों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए आयोजकों ने रेल मंत्रालय और परिवहन विभाग से विशेष ट्रेनों और रोडवेज बसों की संख्या बढ़ाने की मांग की है, जिससे अकीदतमंदों को यात्रा में कोई असुविधा न हो।

आला हज़रत का उर्स-ए-रज़वी न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह सामाजिक एकता, भाईचारे और आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक भी है। इन तीन दिनों में बरेली रूहानियत और मोहब्बत के रंग में पूरी तरह रंग जाता है।
