बरेली। यूपी सरकार के मत्स्य मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने बरेली में आयोजित मंडलीय मत्स्य पालन गोष्ठी में निषाद समाज के हक में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि निषाद समाज की ऐतिहासिक उपेक्षा के चलते उसे आज भी सामाजिक न्याय से वंचित रहना पड़ रहा है। ऐसे में इस समाज को अनुसूचित जाति (SC) वर्ग में शामिल किया जाना चाहिए।
अटल सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्री ने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में निषाद समाज के लोगों के पास न तो जमीन थी, न ही अधिकार। वे पीढ़ियों से नदियों में मछलियां पकड़कर जीवन यापन करते रहे। उन्हें कभी भी खेती या संपत्ति के अधिकार नहीं मिले। लेकिन योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस समुदाय के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं — जैसे तालाबों के पट्टे देना, मत्स्य पालन में सब्सिडी और प्रशिक्षण।
मंत्री ने यह भी कहा कि भले ही योजनाओं से समाज को थोड़ी तरक्की मिली हो, लेकिन यह काफी नहीं है। “जब तक निषाद समाज को SC वर्ग में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक उन्हें वह सामाजिक न्याय नहीं मिलेगा, जिसके वे असल हकदार हैं।
इस मौके पर उन्होंने यह भी बताया कि मत्स्य विभाग के तहत निषाद समाज के युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है। तालाबों के विकास, उपकरण वितरण और तकनीकी सहायता जैसी योजनाओं से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिल रही है।
गोष्ठी में उपस्थित लोगों को मंत्री ने विभागीय योजनाओं की जानकारी दी, लेकिन उनका मुख्य ज़ोर सामाजिक पहचान और हक की लड़ाई पर रहा। कार्यक्रम में सांसद छत्रपाल गंगवार, महापौर डॉ. उमेश गौतम, जिलाधिकारी अविनाश सिंह समेत कई अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।
