ढाई साल बाद साबित हुई बेगुनाही, जिसे मरा समझा था वह निकला जिंदा

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गलत पहचान ने भेजा जेल, अब कोर्ट ने किया रिहा

शाहजहांपुर:जिस युवक की हत्या के आरोप में नरेंद्र कुमार दुबे पिछले ढाई साल से जेल में था, वह अब जिंदा मिल गया है। इस सनसनीखेज खुलासे के बाद कोर्ट ने नरेंद्र को बरी कर दिया है। दरअसल, दिसंबर 2022 में दिल्ली-अयोध्या ट्रेन में मारपीट के बाद एक युवक को ट्रेन से फेंकने का मामला सामने आया था। बरेली स्टेशन पर आरोपी नरेंद्र को गिरफ्तार कर लिया गया था। कई यात्रियों की गवाही और एक वायरल वीडियो के आधार पर उस पर हत्या का केस चला।

शाहजहांपुर के तिलहर में रेलवे ट्रैक पर एक शव मिला, जिसे बिहार निवासी याकूब ने अपना बेटा मोहम्मद ऐताब बताकर दफना दिया। लेकिन छह महीने बाद ऐताब गुजरात से जीवित लौट आया। उसने बताया कि वह न तो ट्रेन में था और न ही किसी हादसे का शिकार हुआ। वह दिल्ली से काम सीखने के बाद गुजरात चला गया था, और मोबाइल न होने से संपर्क नहीं कर पाया।

जांच के दौरान ऐताब के जीवित होने की पुष्टि के बाद कोर्ट में सुनवाई हुई। अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार श्रीवास्तव ने नरेंद्र को दोषमुक्त करते हुए कहा कि जिसकी हत्या का मामला था, वह जीवित है। इसलिए आरोपी को हत्या के आरोप से बरी किया जाता है। हालांकि, ट्रेन से फेंके गए असली युवक की पहचान नहीं हो सकी है। यदि उसके परिजन चाहें, तो अलग से मुकदमा दायर कर सकते हैं।

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Author: newsvoxindia

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