बरेली। बरेली में 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद हुए बवाल के बाद प्रशासनिक कार्रवाई लगातार जारी है। शनिवार को जिला प्रशासन और बरेली विकास प्राधिकरण (BDA)
कार्रवाई से पहले बिजली कनेक्शन काटे गए और तीन बुलडोज़रों के साथ बीडीए, प्रशासन और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। किसी भी गड़बड़ी से बचने के लिए PAC और RAF की तैनाती की गई। बीडीए अधिकारियों ने बताया कि यह इमारत अवैध निर्माण के तहत चिन्हित थी और 2024 में नोटिस जारी किया गया था।
इसी दिन प्रशासन ने सैलानी बाजार में भी अतिक्रमण अभियान चलाया, जिससे दुकानदारों में हड़कंप मच गया। दो बुलडोजरों के माध्यम से कई दुकानों के अवैध कब्जे हटाए गए। इस दौरान नगर आयुक्त संजीव मौर्या, एसपी सिटी मानुष पारिक सहित कई अधिकारी और भारी पुलिस बल मौजूद रहे।

सूत्रों के अनुसार, जखीरा स्थित रज़ा पैलेस वक्फ की जमीन या सरकारी संपत्ति पर बनाया गया था। इस आधार पर इसे अवैध निर्माण घोषित कर ध्वस्तीकरण किया गया। बरेली बवाल के मुख्य आरोपी मौलाना तौकीर रजा, डॉ. नफीस खां और नदीम खां पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि हिंसा में शामिल लोगों की अवैध संपत्तियों पर कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।
फरहत खां के फाइक इंक्लेव स्थित मकान को भी प्रशासन ने सील कर दिया। नोटिस अवधि समाप्त होने के बाद बीडीए टीम ने मकान खाली पाया और ताला लगाकर सील किया।
बीडीए वीसी मणिकंदन ए ने कहा, “रज़ा पैलेस का ध्वस्तीकरण रूटीन प्रक्रिया है, बरेली हिंसा से इसका कोई संबंध नहीं। बीडीए लगातार अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।”
प्रशासन ने साफ किया कि निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन जो भी व्यक्ति उपद्रव या अवैध कब्जे में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बरेली प्रशासन की यह कार्रवाई “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति का हिस्सा मानी जा रही है।
