अटेवा के प्रदर्शन पर 6 माह की रोक के विरोध में डीएम को सौंपा गया ज्ञापन, कहा- यह लोकतंत्र पर हमला

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 बरेली। पुरानी पेंशन बहाली और निजीकरण के खिलाफ़ आवाज़ बुलंद कर रहे आल टीचर्स एम्प्लाईज़ एसोसिएशन (अटेवा) के आगामी प्रदर्शनों पर लगाए गए छह माह के प्रतिबंध के खिलाफ सोमवार को विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने ज़िला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन एसीएम प्रथम के माध्यम से डीएम महोदय को दिया गया।

ज्ञात हो कि अटेवा द्वारा 1 अगस्त को बरेली में पुरानी पेंशन की बहाली और निजीकरण के विरोध में रोष मार्च निकाला गया था। इसके बाद सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा अटेवा के आगामी आंदोलनों पर छह महीने की रोक लगा दी गई थी, जिससे कर्मचारियों और उनके संगठनों में आक्रोश व्याप्त है।

लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन – फैसल
ज्ञापन सौंपते हुए क्रान्तिकारी लोक अधिकार संगठन के सचिव मोहम्मद फ़ैसल ने कहा कि नगर मजिस्ट्रेट का यह आदेश न केवल लोकतांत्रिक परंपराओं के विरुद्ध है, बल्कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कर्मचारियों के संगठित संघर्ष के संवैधानिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल प्रमुख लोग
ज्ञापन सौंपने वाले प्रतिनिधिमंडल में क्रान्तिकारी लोक अधिकार संगठन के सचिव मोहम्मद फैसल, ललित कुमार, अटेवा बरेली के जिला अध्यक्ष डॉ. मुनीश गंगवार, बरेली ट्रेड यूनियन फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अंचल अहेरी, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज के प्रदेश अध्यक्ष टी. डी. भास्कर, जिला अध्यक्ष यशपाल सिंह, रूपकिशोर, जितेंद्र श्रीवास्तव, मनोज कुमार गुप्ता, कृष्णा राठौर, रवि शंकर रस्तोगी, जैनेंद्र भारद्वाज और हेमपाल सहित कई प्रतिनिधि शामिल रहे।

सभी ने प्रशासन से इस प्रतिबंधात्मक आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग की और चेतावनी दी कि यदि कर्मचारियों की आवाज़ को दबाने की कोशिश की गई, तो इसका व्यापक विरोध होगा।

 

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Author: newsvoxindia

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