लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पोस्टमार्टम व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है। अब राज्य के सभी जिलों में किसी भी शव का पोस्टमार्टम अधिकतम चार घंटे के भीतर अनिवार्य रूप से किया जाएगा। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब परिजनों को अक्सर देरी और अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
राज्य के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि यह फैसला शोक में डूबे परिवारों की पीड़ा को कम करने और प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से लिया गया है।
नई गाइडलाइन के तहत हर जिले के पोस्टमार्टम हाउस को समयबद्ध तरीके से कार्य करने के लिए कहा गया है, और किसी भी प्रकार की लापरवाही की स्थिति में जवाबदेही तय की जाएगी।
प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे पोस्टमार्टम प्रक्रिया को प्राथमिकता पर लें और सुनिश्चित करें कि शवों को बिना वजह रोका न जाए।
इस पहल का उद्देश्य यह है कि दुःख की घड़ी में परिजनों को जल्द से जल्द शव सौंपा जाए ताकि वे सम्मानपूर्वक अंतिम संस्कार कर सकें।
