बरेली । भोजीपुरा में मानवता को झकझोर देने वाली घटना में भोजीपुरा थाना क्षेत्र के नौआ नगला गांव में सोमवार सुबह एक किसान के गन्ने के खेत में नवजात शिशु जीवित अवस्था में मिला। खेत में बच्चे के मिलने की सूचना फैलते ही गांव के लोग मौके पर उमड़ पड़े। इस दौरान मासूम को पालने की इच्छा को लेकर गांव के तीन परिवार आपस में भिड़ गए और जमकर नोंक-झोंक हो गई।
जानकारी के अनुसार, गांव निवासी राज खां अपने खेत पर पहुंचे तो गन्ने के बीच कपड़े में लिपटा नवजात बच्चा दिखा। पास जाकर देखा तो बच्चा जीवित था और ठंड से बचाने के लिए किसी ने उसे कपड़े में लपेटकर छोड़ दिया था।
सूचना पर उप निरीक्षक टीपी सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। तीन परिवारों के बीच बच्चे को गोद लेने को लेकर बढ़ रही बहस को शांत कराते हुए पुलिस ने नवजात को अपने कब्जे में लिया और तत्काल सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने बच्चे की हालत को सामान्य बताया।
इसके बाद पुलिस ने चाइल्ड केयर सेंटर बरेली को घटना की जानकारी दी। सेंटर की सुपरवाइजर दिव्या और नीरज कुमार की टीम थाने पहुंची और सभी औपचारिकताओं के बाद नवजात शिशु को अपने संरक्षण में ले लिया। अपराध निरीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि बच्चे को सुरक्षित हालत में चाइल्ड केयर सेंटर को सौंप दिया गया है और जिला अस्पताल में उसका उपचार जारी है।
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि नवजात को खेत में किसने और क्यों छोड़ा। अनुमान है कि जन्म के तुरंत बाद बच्चे को छोड़ दिया गया, लेकिन कपड़े में लिपटा होने की वजह से वह ठंड से बचा रहा और उसकी जान बच गई।
ग्रामीणों का कहना है कि बच्चे की किस्मत अच्छी थी कि समय रहते उसे देख लिया गया, नहीं तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। पुलिस ने आसपास के गांवों में भी पूछताछ शुरू कर दी है, ताकि बच्चे के माता-पिता का सुराग लगाया जा सके।
यह घटना एक बार फिर समाज के सामने कई सवाल छोड़ गई है—जहाँ एक ओर लोग नवजात को गोद लेने के लिए आगे आ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोई उसे खेत में छोड़कर चला गया।



