बरेली कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए छह छात्रों ने फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र बनवाकर आवेदन किया। इससे पहले इन्हीं छात्रों ने एससी और ओबीसी वर्ग में आवेदन किया था, लेकिन मेरिट में न आने से प्रवेश नहीं हो सका था। प्रवेश समिति की जांच में छह प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए, जिससे सभी के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। प्रवेश समिति इन छात्रों पर कार्रवाई के लिए प्राचार्य को पत्र लिखेगी।
मुख्य प्रवेश नियंत्रक प्रो. वंदना शर्मा ने बताया कि बीए, बीकॉम और बीएससी की ईडब्ल्यूएस की रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन मांगे गए थे। इसमें 27 छात्रों ने आवेदन किया। जब आवेदन पत्रों को देखा तो कुछ नाम संदिग्ध लगे, क्योंकि इनमें से कुछ ने पहले भी प्रवेश के लिए सिफारिश कराई थी। ऐसे में प्रवेश समिति ने सभी के आवेदनपत्रों की गहनता से जांच कराई तो छह ईडब्ल्यूएस प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए।
इन्हीं छात्रों ने पहले एससी और ओबीसी वर्ग के लिए आवेदन किया था, और प्रमाणपत्र भी लगाए थे। मगर मेरिट में न आने से इनके प्रवेश नहीं हो सके थे। इसके बाद छात्रों ने फर्जी प्रमाणपत्र बनवाकर प्रवेश के लिए आवेदन किया। सभी छह विद्यार्थियों के आवेदन पत्र निरस्त कर दिए गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्राचार्य को लिखा जाएगा।
मार्कशीट में एडिट कर 48 की जगह 84 प्रतिशत किए अंक
मुख्य प्रवेश नियंत्रक वंदना शर्मा ने बताया कि बीए में प्रवेश के लिए एक छात्र ने मार्कशीट को एडिट किया। उसके 48 प्रतिशत अंक थे, लेकिन उसने मार्कशीट में 84 प्रतिशत करके आवेदन किया, जो जांच में पकड़े गए। इस छात्र के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए प्राचार्य को लिखा जाएगा।
बरेली कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए छात्र-छात्राएं तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। कोई शिफारिश करा रहा है तो कोई अपने कागजों में हेराफेरी कर रहा है। मगर प्रवेश समिति हर बिंदु पर गहराई से छानबीन कर रही है, जिसकी वजह से फर्जीबाड़ा नहीं हो पा रहा है।
