बरेली। शहर के बारादरी थाना क्षेत्र स्थित जोगी नवादा की मौर्य गली में हिन्दू-मुस्लिम समाज के बीच दो वर्षों से चला आ रहा विवाद आखिरकार खत्म हो गया। तीन साल से जिस रास्ते को लेकर दोनों समुदायों में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, उसी रास्ते से इस बार मोहर्रम का जुलूस निकला — और खास बात यह रही कि हिन्दू पक्ष ने ताजियों पर पुष्पवर्षा कर आपसी भाईचारे की अद्भुत मिसाल पेश की।
यह वही मामला है, जिसमें दोनों पक्ष एक-दूसरे की धार्मिक यात्राओं — कांवड़ यात्रा और मोहर्रम जुलूस — को अपने मोहल्ले से निकालने के विरोध में थे। समय-समय पर यह विवाद इतना गंभीर हो गया था कि सुरक्षा व्यवस्था भी चुनौती बन गई थी। इसी प्रकरण में पूर्व एसएसपी प्रभाकर चौधरी का तबादला भी सुर्खियों में रहा था।
लेकिन इस बार माहौल बदला हुआ था, और इसका श्रेय जाता है सीओ पंकज कुमार को, जिन्होंने नई जिम्मेदारी संभालते ही दोनों समुदायों के लोगों से लगातार संवाद किया, विश्वास का पुल बनाया और यह साबित कर दिया कि पुलिस यदि ईमानदारी और संवेदनशीलता से काम करे, तो वर्षों पुराने तनाव भी खत्म किए जा सकते हैं।
एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर सीओ पंकज ने न सिर्फ दोनों पक्षों के बीच सुलह कराई, बल्कि मोहर्रम के जुलूस के दिन स्वयं मौके पर मौजूद रहकर यह सुनिश्चित किया कि सब कुछ सौहार्दपूर्ण ढंग से हो। और नतीजा यह रहा कि जिस रास्ते को लेकर कभी तनाव था, आज वहीं रास्ता मोहब्बत और एकता का संदेश दे गया।
इस पहल ने न केवल बरेली को राहत दी, बल्कि यह भी दिखाया कि जब समाज साथ चले और प्रशासन बीच का रास्ता निकाले, तो धर्मों की दीवारें नहीं, दिल जुड़ते हैं।
