लखीमपुर खीरी।
23 करोड़ 22 लाख रुपये से कराया गया था ड्रैजिंग का कार्य
शारदा नदी में आने वाली बाढ़ से कटान को रोकने के लिए मुख्यमंत्री की 23 करोड़ 22 लाख रुपये की अति महत्वाकांक्षी योजना से बाढ़ खंड सिंचाई विभाग ने ड्रैजिंग का कार्य पूरा कराया था। अभी तराई इलाके में मानसूनी बारिश भी शुरू नहीं हुई है। इससे पहले ही यह योजना हवाई साबित हुई। पहाड़ों पर हुई भारी बरसात से शारदा में जलस्तर बढ़ने के बाद नदी ने रौंद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। शारदा नदी का पानी पलिया शहर के किनारे अतरिया रेलवे पुल के पास पहुंच गया है।
रेलवे लाइन टूटी तो 100 से अधिक गांव हो जाएंगे तबाह
शनिवार की रात पलिया की अतरिया रेलवे क्रासिंग के निकट शारदा के पानी का रिसाव रेलवे ट्रेक के नीचे से शुरू हो गया है। इससे भीरा-पलिया के बीच रेल ट्रैक को खतरा उत्पन्न हो गया। उधर, पानी के रिसाव को रोकने के लिए मैलानी जंक्शन के पीडब्ल्यूआई आरडी यादव और एईएन मजदूरों को लेकर मौके पर जा पहुंचे और बचाव एवं राहत का कार्य शुरू कर दिया। रेलवे ट्रैक के बचाव और रिसाव रोकने के लिए पत्थर डाले जा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर रेलवे लाइन टूटी तो 100 से अधिक गांव तबाह हो जाएंगे। बाढ़ की विभीषिका पलिया नगर को भी झेलनी पड़ेगी।
ट्रैक की निगरानी के लिए वॉचमैन तैनात
भीरा पलिया के मध्य अतरिया क्रासिंग से पहले रेलवे ट्रैक के नीचे से पानी का बहाव तेज हो गया है। इससे कई जगह पर ट्रैक किनारे की मिट्टी भी कट रही है, जो आने वाले दिनों में ट्रेन संचालन में बाधा बन सकती है। संभावित खतरे को भांपते हुए रेलवे ने ट्रैक की निगरानी करने के लिए वॉचमैन तैनात किए हैं, जो ट्रैक पर हर पल नजर रखे हुए हैं। साथ ही पल-पल की रिपोर्ट अधिकारियों को कर रहे हैं।
10 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर रहीं ट्रेनें
पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल जनसंपर्क अधिकारी महेश गुप्ता ने बताया कि मैलानी पलिया के बीच अतरिया क्रासिंग के निकट बनबसा डैम से पानी छोड़ने से जलभराव है। हालांकि ट्रैक सुरक्षित है। फिर भी संभावित खतरे को देखते हुए कॉसन लिया गया है। इसके तहत ट्रेनें 10 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ही चलेगीं।




