बरेली। सुरेश शर्मा नगर चौराहे से बिजपुरी तक फैले नाले की सफाई न होने से स्थानीय लोग बदहाल स्थिति में जीने को मजबूर हैं। बीते एक वर्ष से यह नाला लगातार उफन रहा है, जिससे न सिर्फ बदबू फैल रही है, बल्कि मच्छरों का प्रकोप भी दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र के निवासी, दुकानदार और वहां आने वाले ग्राहक सभी परेशान हैं, लेकिन जिम्मेदार विभाग एक-दूसरे पर टालमटोल कर रहे हैं।
स्थानीय निवासी अनिल अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक साल से नाले की स्थिति लगातार बिगड़ रही है। इसकी सफाई को लेकर कई बार स्थानीय सभासद से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। नगर निगम और बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। बीडीए कहता है कि यह क्षेत्र नगर निगम के अंतर्गत आता है, जबकि नगर निगम इसे बीडीए की जिम्मेदारी बताता है।
इस विभागीय भ्रम का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।यह नाला शहर की पॉश कॉलोनियों और प्रमुख व्यावसायिक क्षेत्र से होकर गुजरता है। नाले के किनारे बड़े-बड़े शोरूम, होटल और रेस्टोरेंट हैं, जिनमें आने वाले ग्राहकों को बदबू और गंदगी का सामना करना पड़ता है। दुकानदारों का कहना है कि इस गंदगी के कारण उनका व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है।
मच्छरों के कारण बीमारियां फैलने का खतरा भी बना हुआ है।स्थानीय लोगों का आरोप है कि नगर निगम और बीडीए इस गंभीर समस्या को नजरअंदाज कर रहे हैं। अब लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द इस नाले की सफाई करवाई जाए और जिम्मेदारी तय कर भविष्य में ऐसी लापरवाही से बचा जाए।
