सामूहिक रोज़ा इफ्तार में हुई  मुस्लिम मसाइलों पर चर्चा 

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बरेली:- मुस्लिम जमात महानगर ब्रांच की ओर से पुराना शहर के निजी हाल में सामूहिक रोज़ इफ्तियार कराया गया, जिसमें बड़ी तादात में लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मशहूर बरेलवी रहनूमा मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी ने रोजा इफ्तार से चंद मिनट पहले अपने सम्बोधन में कहा कि रोजा रखना फर्ज है, जो शख्स रोजा नहीं रखता है वो गुनेहगार है। इसी तरह मालदार मुसलमान के लिए जकात निकालना भी इस्लाम ने फर्ज क़रार दिया है, अगर कोई व्यक्ति अपने माल की जकात नहीं निकालता है तो वो भी सख्त गुनहगार होगा। लोगों को चाहिए कि जकात और फितरा निकालकर गरीबों को दें ताकि गरीबों और कमजोरों की सहायता हो सके , इस्लाम का यही नजरिया है।

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मौलाना ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सुप्रीम के फाजील जजों ने मदरसों से संबंधित एक अहम फैसला देकर हजारों मदरसों और लाखों बच्चों के भविष्य को अंधकार में जाने से बचा लिया। वह  इस फैसले का भरपूर स्वागत करते हैं। इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मदरसा एक्ट 2004 को गैर संवैधानिक बता दिया था, जिससे उत्तर प्रदेश के मदरसों पर संकट खड़ा हो गया था। मौलाना ने फिलिस्तीन और गाजा में इजरायल की जालीमाना कार्यवाही इंतिहा को पहुंच चुकी है।  अमेरिका के संरक्षण में इसराइल फ़लस्तीनियों पर ज़ुल्म व ज्यादती कर रहा है।

 

 

आस पड़ोस के मुस्लिम देश सिर्फ बैठक करके रिजोलेशन ( करारदार) पास करने के अलावा अब तक कुछ भी नहीं कर सके  है।  मुस्लिम देशों की इससे बड़ी नाकामी क्या हो सकती है, जबकि भारत ने फिलिस्तीनियों की मदद के लिए दवाएं और खाने पीने का समान भेजा है। आखिर में रिजवान मियां ने दुआ की और कार्यक्रम की व्यवस्था मुस्लिम जमात महानगर के अध्यक्ष जारीब गद्दी की तरफ से की गई थी, जिसमें मुख्य रूप से आरिफ गद्दी, वसीम मियां, ज़ोहेब अंसारी, जफर बेग , मोहसिन खां, आदि उपस्थित रहे।

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Author: newsvoxindia

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