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बच्चों को शिक्षा के साथ संस्कार भी दें ताकि वह एक अच्छे नागरिक बने: सुधांशु महाराज,

बरेली। आचार्य सुधांशु महाराज का कहना है की बच्चों को शिक्षा के साथ ही अभिभावक संस्कार भी दें ताकि वह एक अच्छे नागरिक बन सके। पवन अरोड़ा के निवास पर आचार्य सुधांशु महाराज ने एक भेट में सब से पहले मेने उन्हें अपनी पुस्तक “कलम बरेली की” भेट की। बरेली के विद्वान देवेंद्र देव भी उपस्थित थे। इस अवसर पर हुई संक्षिप्त वार्ता में सुधांशु महाराज ने कहा देश के साथ ही बरेली में भी शिक्षा, स्वास्थ्य, एवम नगर विकास के क्षेत्र में भी काफी विकास के काम हो रहे हैं।

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बरेली की शौर्य परंपरा काफी प्राचीन है।सनातन की संस्कृति को यहां हमेशा बढ़ावा मिला। महाभारत काल में भी इसका उल्लेख है। अब इसका नाथ नगरी के रूप में पहचान है। विपरीत परिस्थितियों में भी सनातन की परंपरा के ध्वज को यहां हमेशा ऊंचा रखा गया। देश ही नही उत्तर प्रदेश की सरकार भी अच्छा कार्य कर रही है। राम मंदिर भी अब तैयार हो रहा है। उन्होंने *कलम बरेली की* की सराहना कर मुझे दिल्ली बुलाये जाने को कहा।

 

 

विश्व जागृति मिशन के अंतर्गत बरेली के त्रिवटी नाथ मंदिर में एवं विशाल सत्संग में सुधांशु महाराज ने भक्तों का आह्वान करते हुए कहा कि जीवन को उत्सव की तरह जियों, ताकि जीवन में हमेशा एक नयापन बना रहे, हमारे ऊपर किसी प्रकार की उदासी या निराशा हावी न होने पाए, हमारी भारतीय संस्कृति में महीने में, हफ्ते में, हमेशा कोई ना कोई त्यौहार या पूजा का आयोजन होता ही रहता है, इसका कारण आप जानते हैं ।

हमारे पूर्वजों ने बहुत सोच समझकर इन त्योहारों का आयोजन का प्रयोजन रखा ताकि हमेशा हमारे जीवन में हमेशा एक नयापन बना रहें, हंसी खुशी खिलखिलाहट बनी रहे, इसलिए त्योहारों के माध्यम से आपस में हम एक दूसरे से मिल सकें, अपनी सभ्यता और अपनी संस्कृति को समझ सकें ।
आचार्य सुधांशु ने कहा, ईश्वर की बनाई, इस सृष्टि का कमाल देखिए, ईश्वर की बनाई, यह सृष्टि कीमती ख़ज़ानों से भरी हुई है और देखिए एक भी चौकीदार नहीं है। ईश्वर की व्यवस्था ऐसी की गई है कि दुनिया मे अरबों-खरबों व्यक्तियों का आवागमन प्रतिवर्ष होता है किन्तु यहां से कोई भी एक तीली तक नही ले जा सकता। वह ईश्वर है, सर्वेश्वर है, वह नश्वर है, वह सबका स्वामी है, वह अंतर्यामी है, वह हर दिल की बात जानता है। ईश्वर अपने हर बंदे को पहचानता है, उसका कोई जोड़ नहीं है। उसका कोई तोड़ नहीं है, उसका कोई प्रारब्ध और अंत नहीं है, उसे परमपिता परमेश्वर को मैं कोटि-कोटि नमन करता हूं ।
आचार्य सुधांशु जी ने कहा आप भगवान के प्रति प्रेम का भाव लेकर आप जाप और पाठ करते रहिए। भगवान श्री कृष्ण ने कहा, है अर्जुन कल्याण के मार्ग पर चलने वाले की कभी दुर्गति नहीं होती, उसका कल्याण ही होगा और जितना तुम धर्म कर्म पुण्य सत्कर्म करते जाओगे, उसका परिणाम होगा, तुम्हारे पाप काटेंगे, साथ में सौभाग्य की जागृत होता जाएगा और भक्ति में अगर बहुत आगे बढ़ गए तो, भक्ति में आगे बढ़ने का नियम है, जब भी कोई काम करो करों, भगवान की उपासना का मतलब भगवान के निकटता भी प्राप्त करो, भगवान के ध्यान में भी जाओ, ध्यान में भी उतरो, तत्वज्ञान, ब्रह्म ज्ञान की भी प्राप्ति करों, गुरु को सुनते रहे, शास्त्र को पढ़ते रहें, चिंतन करते रहे !
कार्यक्रम के अंत में मिशन के प्रधान देवेंद्र खंडेलवाल, संदीप मेहरा, पवन अरोड़ा एवं पदाधिकारियों द्वारा महाराज श्री का नागरिक अभिनंदन किया गया । इसी क्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गुरु दीक्षा अर्थात गुरु मंत्र लिया किसी के साथ यह कार्यक्रम संपन्न हो गया ।

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