कमलेश शर्मा ,
शाहजहांपुर : दशहरे के दिन रावण का दहन कर विजयादशमी के पर्व को लोग बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं। प्रदेश में ऐसी भी कुछ जगह हैं, जहां दशहरे के दिन रावण की पूजा की जाती है।शाहजहांपुर मे दशहरे के दिन रावण दहन से पहले लोग रावण की पूजा करते हैं। कहा जाता है कि रावण सर्व शक्तिशाली एक कुशल राजा था वह अत्यंत बुद्धिजीवी और अपने परिवार की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकने वाला था। भगवान शिव का सबसे बड़ा ‘भक्त’ और ‘परम ज्ञानी’ के साथ उसके जैसा ज्ञानी आजतक पैदा नहीं हुआ। जिसके ज्ञान के आगे देवता भी नतमस्तक हो जाते थे। लंका के प्राचीन इतिहास में सबसे कुशल और सबसे बुद्धिमान राजा रावण ही था। रावण के ही शासनकाल में श्रीलंका की प्रजा सबसे कुशल और समृद्ध थी। इसी के चलते शाहजहांपुर में पिछले 50 वर्षों से लगातार रावण के पुतले बनते ही लोग सुबह से ही दशहरे के दिन पूजने आ जाते हैं।