विश्व बैंक ने चालू वत्ति साल
विश्व बैंक का अनुमान है कि वत्ति साल 2023-24 में भी हिंदुस्तान की वृद्धि रेट 7.1 फीसदी रह सकती है. यह उसके पिछले अनुमान से 0.30 फीसदी अधिक है. पिछला अनुमान 6.8 फीसदी का था. रिपोर्ट में अनुमान है कि साल 2024-25 हिंदुस्तान के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि 6.5 प्रतिशत रह सकती है.
विश्व बैंक ने 2022 के वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि के अनुमान को भी 4.1 फीसदी से घटाकर 2.9 फीसदी कर दिया है. विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बोला है कि वैश्विक वृद्धि 2021 के 5.7 फीसदी से घट कर 2022 में 2.9 फीसदी तक आ सकती है. इस वैश्विक वत्तिीय संगठन में जनवरी में 2022 की वैश्विक आर्थिक वृद्धि का अनुमान 4.1 फीसदी रखा था.
महंगाई का असर
महंगाई बढ़ने की वजह से विकास रेट घटने का संभावना व्यक्त किया जा रहा है. ईंधन से लेकर खाद्य पदार्थों तक की कीमतों में वृद्धि हुई है. अप्रैल में मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल में 15.08 हो गई. खुदरा मुद्रास्फीति आठ वर्ष के उच्च स्तर पर पहुंच गई. कई अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी हिंदुस्तान के विकास रेट का अनुमान घटाया है. इनमें मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस , एसएडपी ग्लोबल रेटिंग भी शामिल है. आईएमएफ ने भी विकास रेट का अनुमान 9 प्रतिशत सेघटाकर 8.2 प्रतिशत कर दिया था.