पराक्रम के 22 साल : हरिओम पाल ने कारगिल युद्ध मे देश के किये थे प्राण न्यौछावर,

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बरेली। देश आज 22 वां कारगिल विजय दिवस पर उन शहीदों को याद कर रहा है। जिन्होंने देश के लिए लड़ते हुए ना केवल पाकिस्तानी सेना को पीछे की ओर खदेड़ा बल्कि  अपनी जीवन को अपने देश के लिए न्यौछावर कर दिया।

बदायूं के रहने वाले हरिओम पाल भी कारगिल की लड़ाई के दौरान दुश्मनों से लड़ते हुए शहीद हो गए थे। उन्हें सरकार ने मरणोपरांत स्पेशल सर्विस मैडल से नवाजा था। शहीद हरिओम पाल का परिवार अब बरेली के कैंट थाना क्षेत्र रहता है। साथ ही सरकार द्वारा दिये गए पेट्रोल पंप से अपना व्यवसाय भी करता है।

जानकारी के मुताबिक बदायूं के बिसौली तहसील के रहने वाले हरिओम पाल सिंह 9 पैरा स्पेशल फोर्सेज के जवान थे। हरिओम पाल सिंह 19 दिसम्बर 1986 को फौज में भर्ती हुए थे। उन्होंने जीवन मे तीन युद्ध लड़े थे। ऑपरेशन कारगिल के दौरान जुलाई 1999 में ऑपरेशन विजय के दौरान वे शहीद हो गए थे। सरकार ने उनकी सेवाओं को देखते हुए कई मैडल मिले भी दिए थे।

हरिओम पाल के परिजन बताते है कि हरिओम कारगिल युद्ध से पूर्व छुट्टियां बिताने अपने गाँव इटौआ आए थे। इसी दौरान जब युद्ध छिड़ा तो छुट्टियों के बीच में वह 26 जून 1999 को ड्यूटी पर रवाना हो गए। बाद में 2 जुलाई को उनके शहीद होने के जानकारी मिली।

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Author: newsvoxindia

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