हिंदू देवताओं की शक्ति पर सवाल उठाने पर भड़के धर्मगुरु पंडित सुशील पाठक, बोले – आ जाएं मंदिर में, दिखा देंगे ताकत

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बरेली ।समाजवादी पार्टी के विधायक और राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के एक विवादित बयान ने नया सियासी और धार्मिक तूफान खड़ा कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि “अगर हिंदू मंदिरों और देवताओं में ताकत होती, तो महमूद गजनवी, मोहम्मद गौरी और मोहम्मद बिन कासिम जैसे आक्रांताओं की हिम्मत नहीं होती कि वे भारत आते और मंदिरों को तोड़ते।”
इंद्रजीत सरोज के इस बयान पर धर्मगुरु पंडित सुशील पाठक ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने न केवल इस बयान की कड़ी निंदा की बल्कि सपा मुखिया अखिलेश यादव से भी सवाल पूछ डाला। उन्होंने कहा,“सबसे पहले मैं अखिलेश यादव से पूछना चाहता हूँ कि जब उन्हें हिंदू देवताओं पर विश्वास नहीं है, तो उन्होंने केदारनाथ मंदिर क्यों बनवाया? अगर आस्था है, तो फिर उनके विधायक द्वारा दिए गए इस अपमानजनक बयान पर कार्रवाई होनी चाहिए।
पंडित सुशील पाठक ने आगे भगवान श्रीकृष्ण के चमत्कारों का हवाला देते हुए कहा कि“जब भगवान श्रीकृष्ण केवल 7 वर्ष के थे, तब उन्होंने 7 कोश का गोवर्धन पर्वत अपनी सबसे छोटी उंगली पर 7 दिनों तक उठाया था। यह शक्ति किसी सामान्य व्यक्ति की नहीं, बल्कि स्वयं भगवान की थी, जिन्होंने बृजवासियों की रक्षा की।”
उन्होंने ज्वालामुखी मंदिर की अमर ज्योति का भी उल्लेख करते हुए कहा कि“अकबर जैसा शक्तिशाली राजा भी इस ज्योति को बुझाने में असमर्थ रहा। अंततः उसे देवी मां के आगे झुकना पड़ा।”
पंडित सुशील पाठक ने इंद्रजीत सरोज को चुनौती देते हुए कहा,“अगर उन्हें देवताओं की शक्ति पर संदेह है, तो वे मेरे पास आएं, मंदिर में बैठें – मैं उन्हें हिंदू मंदिरों और देवताओं की शक्ति दिखा दूंगा।”
अंत में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी आग्रह किया कि इस प्रकार की धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले बयानों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे समाज में सौहार्द बना रहे।
यह मामला अब सियासी गर्मी के साथ धार्मिक असंतोष का रूप भी लेता दिख रहा है, और आने वाले दिनों में इस पर और प्रतिक्रियाएं सामने आ सकती हैं।
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Author: newsvoxindia

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