Bareilly :कस्बे में आवश्यकता के अनुरूप कम क्षमता के ट्रांसफार्मर लगे हुए हैं। इस कारण पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है। कस्बे में प्रत्येक ट्रांसफार्मर की क्षमता से अधिक कनेक्शन जुड़े हैं। जिस कारण आए दिन केबिल जलने की घटना होती रहती हैं। विभाग के आला अधिकारियों से क्षमता बढ़ाने की मांग भी की गई, मगर कोई सुनवाई नहीं हो सकी।बहेड़ी बस अड्डे पर ईदगाह के पास रहने वाले साजिद मास्टर व नईम ने बताया कि ईदगाह पर 100 केवी का ट्रांसफार्मर लगा हुआ है। जिसमें लगभग 70 से 80 कनेक्शन जुड़े हुए हैं। इसमें से कुछ 2 किलोवाट के कनेक्शन भी हैं। ओवर लोड होने के कारण दिन में कई बार केबिल जलने से बिजली आपूर्ति बंद हो जाती है या फिर लो वोल्टेज की समस्या हो जाती है। इस कारण बिजली आपूर्ति ठीक से नहीं मिल पाती है। कई बार तो नल की मोटर तक नहीं चल पाती है। यहां पर 250 केवी का ट्रांसफर्मर होना चाहिए।
Advertisement
मोहल्ला पड़ाव में थाने के पास 250 केवी का ट्रांसफर्मर लगा हुआ है। इस ट्रांसफार्मर से लगभग 200 मकानों में आपूर्ति होती है। जिसमें से आधे से अधिक 2 केवी के व कुछ 3 केवी के कनेक्शन हैं। कभी – कभी ओवरलोड के चलते मिलने वाली बिजली का लोड भी 100 वोल्ट तक पहुंच जाता है, जो काफी कम है। इस ट्रांसफर्मर पर अक्सर केबिल जलने की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। केबिल जलने से घंटो बिजली आपूर्ति बंद रहती है।मोहल्ला नीम तले लगे 100 केवी के ट्रांसफार्मर से लगभग 70 से 80 मकानों को आपूर्ति की जाती है। इस ट्रंसफार्मर पर लोड का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यह अक्सर फुंक जाता है। ट्रांसफार्मर फुंकने से मोहल्ले के लोगों को कई दिनों तक बिजली आपूर्ति नही मिल पाती है।
मोहल्ला तकिया में शायद ही कोई दिन ऐसा जाता हो जिसमें ट्रांसफर्मर में या केबिल में फाल्ट ना होता हो। यहां पर होने वाले फाल्ट से मोहल्ले वाले परेशान रहते हैं। कुछ घरों में कई कई दिन तक बिजली न आने की समस्या रहती है। अगर बिजली आ भी जाए तो लो बोल्टेज की समस्या का सामना करना पड़ता है। यह भीषण उमस भरी गर्मी और बिजली गोल ऐसे माहौल में क्षेत्र में हर कोई परेशान है। विभागीय अभियंता और उनके कर्मचारी जर्जर और ओवरलोड विद्युत आपूर्ति को सुचारु रखने के लिए कोशिश कर तो रहे हैं लेकिन कोई उल्लेखनीय सफलता उन्हें नहीं मिल पा रही है। क्योंकि वह न तो बिजली की चोरी रोक पा रहे हैं और न ही कटिया धारकों पर कार्रवाई कर पा रहे हैं। ट्रांसफार्मरों की क्षमता भी नहीं बढी है। जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को गर्मी में भुगतना पड़ रहा है। कस्बे एवं ग्रामीण इलाकों में जो ट्रांसफार्मर लगे हैं उनकी भी क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है। इस गर्मी के मौसम में लाइनों पर लोड बढ़ जाना आम बात है।
कर्मचारी बताते हैं कि लोड बढ़ने से केबिल जल रही है। ट्रांसफार्मर लोड न सहने के कारण फुंक जाते हैं इस कारण आपूर्ति बाधित होती है।जाफरपुर और शीशगढ़ कस्बे में अलग- अलग जगहों पर कुल 32 ट्रांसफर्मर लगे हैं। अधिकतर जगह जर्जर हो चुकी पुरानी केबिल पर आपूर्ति चल रही है। इन ट्रांसफार्मरों व केबिल पर काम करने के लिए सिर्फ 2 लाइनमैन नियुक्त किए गए हैं। 2 लाइनमैन होने से कस्बे में फाल्ट होने पर दोनों ही लाइनमैन काम करते हैं। 32 ट्रांसफार्मरों की देख रेख के लिए 2 लाइनमैन होना काफी नही हैं। 32 ट्रांसफरमरों पर कम से कम 4 या 5 लाइनमैन होना चाहिए। एक्सीयन चमन प्रकाश ने बताया कि अगर कस्बे व क्षेत्र में कहीं पर भी केबिल बदलवाने या ट्रांसफार्मर का लोड बढ़ाने की
जरूरत है तो उसको बिजली कर्मचारियों को भेज कर जाँच करा कर देखा जाएगा। जरूरत होने पर लोड बढ़ाने व केबिल बदलबाने का काम किया जाएगा।

Author: newsvoxindia
Post Views: 33