बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर एवं मंदिर न्यास गठन को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन के तहत सोमवार को कॉरिडोर व न्यास की अस्थि यमुना जी में विसर्जित की गईं। साथ ही आंदोलन को स्थगित कर दिया गया।
बांके बिहारी कॉरिडोर एवं न्यास गठन को लेकर मंदिर के सेवायत गोस्वामी समाज सहित क्षेत्रीय व्यापारी और अन्य लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को सुप्रीम कोर्ट से मिले आदेश से राहत मिल गई है। इससे 75वें दिन कॉरिडोर और न्यास की अस्थि यमुना जी में विसर्जित कर आंदोलन को स्थगित कर दिया गया। साथ ही यमुना जी का दुग्धाभिषेक किया। विरोध प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने कहा कि कॉरिडोर व न्यास रूपी राक्षस अब ठाकुर जी की कृपा से निष्क्रिय हो गया है, इसलिए इसे यमुना जी में विसर्जित कर यमुना मइया से प्रार्थना करते हैं कि ये दोबारा पनपे नहीं।
बांकेबिहारी मंदिर के सेवायत रजत गोस्वामी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अपने हित में मानते हुए आंदोलन को अल्प विराम दे दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जो नई प्रबंध कमेटी बनेगी वह गोस्वामी समाज और यहां के निवासियों के लिए क्या करेगी। साथ ही कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पूरी तरह तो संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन उसमें सरकार का सीधे तौर पर हस्तक्षेप खत्म होना आदि कई बातें संतोषजनक हैं। इससे कॉरिडोर और जमीन अधिग्रहण पर विराम की अवस्था तो लग ही रही है।
इस दौरान नीलम गोस्वामी, रेणु गोस्वामी, श्यामा गोस्वामी, राधा मिश्रा, निशा शर्मा, श्रद्धा खंडेलवाल, सुधा, ऊषा, मनोरमा, रजत गोस्वामी, बच्चू गोस्वामी, ब्रजेंद्र किशोर गोस्वामी, संतू गोस्वामी, दीपक पाराशर, देव गोस्वामी, सोमेश गोस्वामी आदि उपस्थित रहे।
