बरेली। दरगाह आला हज़रत बरेली में इस वर्ष विश्वविख्यात 107वां उर्स-ए-रज़वी 18 अगस्त से शुरू होगा, जिसका आगाज़ रज़वी परचम कुशाई की रस्म से होगा। इस ऐतिहासिक मौके पर दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) सज्जादानशीन बदरूशरिया मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) के साथ परचम लहराकर उर्स की विधिवत शुरुआत करेंगे। यह कार्यक्रम शाम 5 बजे इस्लामिया मैदान के रज़ा गेट पर होगा।
दरगाह से इस्लामिया मैदान तक होने वाले सभी कार्यक्रम सुब्हानी मियां की सरपरस्ती, मुफ्ती अहसन मियां की सदारत और सय्यद आसिफ मियां की देखरेख में सम्पन्न होंगे। सोमवार को दरगाह मुख्यालय पर उर्स का आधिकारिक पोस्टर जारी किया गया, जिसे अब देश-विदेश में डाक और सोशल मीडिया के माध्यम से भेजा जा रहा है। पोस्टर उर्दू और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में प्रकाशित किया गया है।
उर्स के पहले दिन इस्लामिया मैदान में अंतरराष्ट्रीय नातिया मुशायरा आयोजित किया जाएगा, जिसका मिसरा होगा – “पीते हैं तिरे दर का, खाते हैं तिरे दर का”। मुशायरे में देश-विदेश के मशहूर शोअरा अपने कलाम पेश करेंगे। 20 अगस्त को आला हज़रत के कुल शरीफ की रस्म के साथ उर्स का समापन होगा।
दरगाह के वरिष्ठ मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने बताया कि इस दौरान मुफ्ती-ए-आज़म हिंद, हुज्जतुल इस्लाम, मुफ़स्सिर-ए-आज़म और रेहान-ए-मिल्लत के कुल शरीफ भी अदा किए जाएंगे। सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां ने टीटीएस रज़ाकारों से जायरीन की सेवा में तत्पर रहने की अपील की है।
इस मौके पर शहर के कई उलेमा, सामाजिक कार्यकर्ता और रज़ाकार मौजूद रहे।
