कमलेश शर्मा
शाहजहांपुर। नगर निगम कार्यालय शुक्रवार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर रणभूमि बन गया। यहां कुल 42 पार्षदों ने एकजुट होकर नगर आयुक्त के कक्ष में प्रतीकात्मक धरना दिया और अधिकारियों व कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए। पार्षदों का कहना है कि नगर निगम भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है और आम जनता को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं की जा रही हैं।
धरना दे रहे पार्षदों ने विशेष तौर पर रोशनी गोदाम प्रभारी एवं ई-स्मार्ट योजना के इंचार्ज हरवंश दीक्षित पर भ्रष्टाचार और गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना था कि ई-स्मार्ट लाइट्स योजना में भारी धनराशि खर्च किए जाने के बावजूद शहर की सड़कें अंधेरे में डूबी रहती हैं। कई इलाकों में लाइटें महीनों से खराब हैं, लेकिन मरम्मत के नाम पर धन का दुरुपयोग हो रहा है।
पार्षदों का आरोप था कि हरवंश दीक्षित के जिम्मे रही दोनों योजनाओं में करोड़ों रुपये की वित्तीय गड़बड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि यह न केवल जनता के पैसे की बर्बादी है बल्कि शहरवासियों के साथ सीधा धोखा है।
धरने के दौरान पार्षदों ने साफ कहा कि जब तक भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच नहीं होती और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक जनता का विश्वास नगर निगम पर बहाल नहीं हो पाएगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस मामले की जांच एक स्वतंत्र और निष्पक्ष टीम से कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
मीडिया से बातचीत में पार्षदों ने दोहराया कि जनहित की योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।




