बरेली को ना मिला एम्स , ना बरेली कॉलेज को बनेगी यूनिवर्सिटी
बरेली। यूपी सरकार ने गुरुवार को अपना बजट पेश कर जनता की आकांक्षा के अनूरूप पेश करने का दावा किया तो विपक्ष ने बजट को आत्मप्रशंसा और आत्ममुग्धता वाला बजट कहकर , बजट की आलोचना की ।साथ ही बरेली को कुछ नहीं मिलने पर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जताई। बजट को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता केबी त्रिपाठी ने कहा कि वह इस बजट को आम जनता का बजट नहीं मानते , यह तो सरकार की आत्मप्रशंसा और आत्ममुग्धता का लेखा जोखा भर है । 8 लाख करोड़ से अधिक के बजट में ग़रीब जनमानस के लिए, किसान के लिए, महिलाओं के लिए, छात्रों के लिए हक़ीक़त में कुछ भी नहीं है ।
सिर्फ़ बड़े बड़े शब्द और योजनाओं के नए नए नाम से ग़रीब जनमानस को पागल बनाया जा रहा है । इस बजट में बरेली के लिए कुछ भी नहीं है, कहाँ तो उम्मीद की जा रही थी एम्स की, सेंट्रल यूनिवर्सिटी की, बरेली कॉलेज को विश्वविद्यालय बनाने की, आंवला को जिला बनाने की, लेकिन बजट में कुछ भी नहीं मिला। बरेली के 7 विधायक, बरेली के सांसद, 3 एम.एल.सी. और जिला पंचायत अध्यक्ष एवं मेयर सभी भाजपा के हैं, फिर भी भाजपा सरकार के इस बजट में बरेली के लिए एक पैसे का भी प्रावधान नहीं किया गया है। बरेली की जनता अपने इस अपमान का भाजपा सरकार से ज़रूर बदला लेगी।
सपा के वरिष्ठ नेता शमीम खाँ सुल्तानी ने यूपी सरकार के बजट पर कहा कि केंद्र सरकार की अनदेखी के बाद अब उत्तर प्रदेश की सरकार ने जनता के साथ बेरुखी की गई । बरेली की जनता को उम्मीद थी कि भाजपा को झोली भर – भर कर वोट देनें वाली बरेली के हिस्से इस बजट में एम्स या मेडिकल कॉलेज आसानी से आ जाएगा लेकिन एक दर्जन से अधिक भाजपा के जनप्रतिनिधि होनें के बावजूद बरेली के हिस्से मायूसी आना भाजपा के लिए शर्म की बात हैं।शमीम सुल्तानी ने कहा ऐतिहासिक बरेली कॉलेज को राजकीय यूनिवर्सिटी बनाया जाना चाहिए था। सपा सरकार में बना 300 बेड अस्पताल को विधिवत चलाने के साथ – साथ बरेली एम्स का हकदार था किन्तु सरकार ने निराश किया है। सपा सरकार आने पर जनता के लिए बरेली में कई योजनाओं को अमली जामा पहनाया जाएगा।