बरेली। आला हज़रत के बड़े साहिबजादे मुफ़्ती हामिद रज़ा खान (हामिद मियां) का 84 वा दो रोज़ा उर्स-ए-हामिदी के दूसरे दिन नमाज़-ए-फ़ज़्र कुरानख्वानी से हुई उसके बाद दिन में गुल पोशी व चादर पोशी का सिलसिला चला। रात में देश भर के नामवर उलेमा की तक़रीर होगी। रात 10 बजकर 35 मिनट पर हुज्जातुल इस्लाम के कुल शरीफ की रस्म अदा की जाएगी। इसके बाद मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम का दीक्षांत समारोह (दस्तारबंदी) का जश्न शुरू होगा। जिसमें मुफ़्ती 24,आलिम 84,हाफिज 04 व कारी 74 कुल 193 तलबा (छात्रों) को दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां व सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन मियां के हाथों डिग्रियां सौपकर दस्तारबंदी की जाएगी।
इसके बाद इनामी मुकाबले में शामिल विजेताओं को इनाम तकसीम (वितरित) किये जायेगें। वही कार्यक्रम दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मियां) की सदारत व सय्यद आसिफ मियां की निगरानी में हुआ। वही वरिष्ठ मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने मंजर ए इस्लाम की स्थापना के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1904 में आला हज़रत ने इसकी संगे बुनियाद रखी। पहला दीक्षांत समारोह 1905 में मस्जिद बीबी जी में मनाया गया। इस मदरसे की तरक्की और तामीर में हुज्जातुल इस्लाम,मुफ्ती ए आजम हिंद, मुफस्सिर ए आजम व रेहान ए मिल्लत का अहम योगदान रहा।
मदरसे के सदर मुफ़्ती आकिल रज़वी ने इल्मे हदीस पर रौशनी डाली। दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि रात 9 बजे ऑल इंडिया तहरीरी,तक़रीरी व मुशायरे का मुकाबला शुरू हुआ जो देर रात तक जारी रहेगा। मुकाबले में मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम,मुफ्ती अफ़रोज़ आलम,मुफ्ती मोइनुद्दीन,मौलाना अख्तर मौजूद रहे। कार्यक्रम का (संचालन) मुफ्ती शुएब मंजरी व मुफ्ती सलीम नूरी बरेलवी ने किया।उर्स की व्यवस्था में मुख्य रूप से रज़ाकार हाजी जावेद खान,शाहिद नूरी,अजमल नूरी,परवेज़ नूरी,मौलाना अबरार उल हक़,औररंगज़ेब नूरी,ताहिर अल्वी,मंज़ूर रज़ा,मुजाहिद बेग,आलेनबी,गौहर खान,हाजी शारिक नूरी,शारिक बरकाती,हाजी अब्बास नूरी,काशिफ सुब्हानी,हाजी शकील, आदि मौजूद रहे।