शाहजहांपुर : एस एस कॉलेज के वाणिज्य विभाग में चल रही कार्यशाला के चौथे दिन केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश धर्मशाला के वाणिज्य विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ के के वर्मा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शोध रूपरेखा व्यवस्थित होना चाहिए। प्लान जितना व्यवस्थित होगा शोध करना उतना ही आसान होगा। डा वर्मा ने कहा कि शोध प्रारंभ करने से पहले हमे पूर्व में हुए शोध कार्यों तथा पूर्व विद्वानों द्वारा सृजित साहित्य का गहन अध्ययन कर लेना चाहिए। पुराना साहित्य हमारे बुजुर्गों का मार्गदर्शन होता है।
पूर्वजों का अध्ययन और अनुभव शोध कर्ता के मार्ग को प्रशस्त कर सकता है। इसलिए पुराने साहित्य का अध्ययन करके शोध अंतराल खोजना चाहिए। एक अच्छे शोधकर्ता को शोध अंतराल को ही भरने का कार्य करना चाहिए। डॉ गौरव के संचालन में हुए कार्यक्रम के अंत में डा कमलेश गौतम ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के आयोजन में अर्ची मिश्रा, दीया गुप्ता, यश कश्यप आदि का विशेष सहयोग रहा।