आंवला -बरेली लोकसभा सीट के लिए कई दिग्गज बसपा से संपर्क में ,
बरेली। बसपा की चुप्पी बरेली में कई पार्टियों को भारी पड़ सकती है। इस संबंध में इनदिनों बसपा के एक कद्दावर नेता जिले में कैम्प किये हुए है। माना जा रहा है कि उनकी राय पर ही बसपा हाईकमान किसी उम्मीदवार के नाम की घोषणा आचार संहिता के बाद ही करेगी। सूत्र बताते है कि बसपा प्रमुख से एक बड़ी पार्टी के नेता भी चुपचाप तरीके से मुलाकात कर आये है। वही चर्चा यह भी है कि पूर्व विधायक भी अपनी पत्नी को हाथी चुनाव चिन्ह पर लोकसभा का चुनाव लड़ाने को बेताब है। बताया जाता है कि पूर्व विधायक के परिवार का राजनीति से पुराना रिश्ता है। और उनकी अपने समाज में बड़ी पकड़ भी है।
इन नामों में बसपा से मेयर पद पर चुनाव लड़ चुका एक नेता भी है जिसकी भी चाहत है कि वह बसपा के बैनर के तले चुनाव लड़े। सूत्र यह भी बताते है कि विपक्ष की एक बड़ी पार्टी के नेता भी बसपा से टिकट की जुगाड़ में थे पर उनका टिकट किसी पार्टी से सेट हो गया इसके बात उन्होंने खुद ही बसपा के दरवाजे अपने लिए बंद कर लिए। दूसरी तरफ सूत्र हमारे यह भी बताते है बरेली लोकसभा सीट से से सटी आंवला सीट से एक पूर्व विधायक भी चुनाव लड़ना चाहता है। इसके लिए वह बसपा के नेताओं से संपर्क में है। आंवला सीट के समीकरण भी उस प्रत्याशी के काफी फेवर में है। हालांकि जिस तरह के जानकारी आ रही है उससे यह साफ है कि हाथी की मस्त चाल में कई उलझने के फेर में है।
इसका सीधा नुकसान एक बड़ी पार्टी को होने वाला है। वही सूत्र यह भी बताते है कि संभावना इस बात की भी है बसपा आचार संहिता लगते ही अपने पत्ते खोलेगी और बसपा गठबंधन की हिस्सा बनती है तो सूबे की कुछ सीटों पर सत्ताधारी पार्टी के लिए बसपा बड़ा नुकसान करेगी। हालाँकि यह भी बात तह है अगर बसपा अकेले चुनाव में आती है तो गठबंधन को ही नुकसान होगा। मिल रही जानकारी पर बसपा नेताओं से संपर्क साधा गया तो जवाब मिला बहन जी हम सिपाही है जैसा आदेश मिलेगा उसके ही हिसाब से संगठन अपना काम करेगा।