दिल्ली। सूरत की सीजीएम अदालत ने से पीएम मोदी से जुड़े मानहानि के मामले में सांसद राहुल को दो साल की सुनाने के बाद आज उनकी सदस्यता रद्द हो गई। इस बात को लेकर कोंग्रेसियों में बेहद रोष है। इस संबंध में कांग्रसी देर शाम को मीटिंग आयोजित करके भविष्य के लिए योजना मनाएंगे। हालाँकि राहुल सदस्यता रद्द होने फैसले के चलते वह 6 साल तक चुनाव नहीं सकेंगे। राहुल गाँधी वर्तमान में केरल के वायनाड से सांसद थे। जानकार यह भी बताते है कि राहुल गाँधी की भारत जोड़ों यात्रा से उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ था। और वह 2024 में कांग्रेस ओर पीएम पद दावेदार भी थे। इस तरह राहुल गाँधी कुल मिलाकर 8 साल तक सक्रिय राजनीति से दूर रहेंगे।
प्रियंका गांधी ने राहुल की सदस्य्ता रद्द होने पर कहा कि राहुल को सरकार खिलाफ बोलने की सजा मिली है। वही राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल की सदस्य्ता जाना सरकार का तानाशाही का एक उदाहरण है। बीजेपी के नेता धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राहुल सदयस्ता को रद्द करने के सूरत कोर्ट के फैसले ऐतिहासिक बताया है। कानून सबके लिए बराबर होता है। राहुल obc समाज का अपमान किया है।अनुराग ठाकुर ने राहुल सदस्य्ता को लेकर कहा कि राहुल गांधी अपने को संविधान से ऊपर समझते है। राहुल ने कई बार झूठे बयान दिए ,आज राहुल को और वायनाड से उनको मुक्ति मिल गई।राहुल सत्ता दौरान अहंकार में थे। उन्हें सात मामलों में जमानत मिली हुई है।उन्होंने अपनी सरकार का अध्यादेश फाड़ा।
माननीय की सदस्यता जानने के संबंध में यह है नियम :
जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8 (3 ) के तहत अगर किसी सांसद -विधायक को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है , और दो साल साल या उससे अधिक सजा होती है तो उसकी सदस्यता सजा सुनाये जाने के दिन से खत्म हो जाएगी , साथ रिहाई के 6 साल बाद तक वह चुनाव नहीं लड़ पायेगा। इस नियम के तहत तुरंत सदस्य्ता रद्द नहीं होती। बल्कि माह का समय होता है। इस दौरान पीड़ित हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील करने पर सुनवाई पूरी होने के तक सदस्य्ता नहीं जाती है।
राहुल ने कहा वह भारत के लिए लड़ते रहेंगे:
राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि वह भारत की आवाज के लिए लड़ रहे है। उसके लिए वह कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार है।