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चुनाव स्पेशल :ना उमेश गौतम कम , ना डॉक्टर तोमर , यूसुफ भी हाथी को तेज दौड़ाने के फेर में,

 

बरेली। निकाय चुनाव जैसे जैसे पास आता जा रहा है बैसे बैसे प्रत्याशी जनसम्पर्क तेज करके जनता से संपर्क साधने में लगे हुए है। हालांकि  सबके अपनी अपनी जीत के दावे है। कोई प्रत्याशी मीडिया मैनेजमेंट के द्वारा मीडिया को साधने में लगा है तो कई समर्थन पत्र के द्वारा अपनी राजनीतिक  हित को साधने में लगे है। इसके बावजूद आपकी वेब न्यूजवॉक्स ने शहर के कुछ नामचीन पत्रकारों से बातचीत की और जानने के कोशिश की किस प्रत्याशी में क्या खासियत है अगर वह जीतते है तो  शहर की क्या तश्वीर और ज्यादा खूबसूरत हो सकती है।

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जानिए उमेश गौतम के बारे में पत्रकारों के बारे में क्या है रखते है राय,

उमेश गौतम को भाजपा के मजबूत संगठन के साथ रणनीतिकारों का साथ मिला हुआ है , यह उनके साथ एक प्लस पॉइंट है।

वह सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशी है।

निवर्तमान मेयर है उमेश गौतम,

हिंदुत्व की लहर के चलते उमेश गौतम को मिल सकता है फायदा,

यंग और एनर्जी से लवरेज  है उनका व्यक्त्वि,

यूनिवर्सिटी चलाने के चलते युवाओं में रखते है अच्छी पकड़,

सोशल मीडिया में हमेशा एक्टिव रहने का भी फायदा मिल सकता है उमेश गौतम को,

वित्तीय स्थिति के मामले में वह और से बेहतर माने जाते है।

यह है कुछ कमियां

उमेश गौतम के प्रति अंदरखाने भाजपा नेताओं में रहती है नाराजगी, जिसके चलते उन्हें कुछ नुकसान होने की संभावना है ,

उमेश कॉरपोरेट किस्म के माने जाते है व्यक्ति,
जमीनी स्तर पर उनके और जनता के बीच मे दूरियों की बात भी कही जाती है ,

सॉलिड वेस्ट के विवादों के चलते उमेश गौतम की विपक्ष करता है उनकी छवि प्रभावित,

शहर में अधूरे काम उनके चुनाव को कर सकते है प्रभावित,मणिनाथ और सुभाष नगर में लोगों के बीच उमेश गौतम के प्रति नाराजगी,

डॉक्टर आईएस तोमर के प्रति पत्रकारों का नजरिया

डॉक्टर आईएस तोमर जनता के लिए 24 घंटे रहते है उपलब्ध, उनका जनता से भी रहता है सीधा संबंध,

जरूरतमन्दों का फ्री में इलाज करने में करते है विश्वास,

डॉक्टर तोमर मिलनसार होने के साथ मधुर भाषीय है।

समाज के सभी वर्गो में रखते है मजबूत पकड़,

तमाम विवादों के बावजूद शाहमतगंज पुल के निर्माण कराने की देन भी डॉक्टर तोमर की है।

विवादों से दूर है डॉक्टर तोमर,

बड़ा राजनीतिक अनुभव ,

डॉक्टरों को एक जुट करने के साथ आईएम की शुरुआत कराने में डॉक्टर तोमर का योगदान

रोटरी क्लब को जिले के साथ आस पड़ोस के जिलों में विस्तार कराने में डॉक्टर तोमर की बड़ी भूमिका,

शहर की नब्ज पर  पकड़ डॉक्टर तोमर की है मजबूत पकड़,

शहर के बड़े डॉक्टरों में शामिल है डॉक्टर तोमर के पास रुपये पैसे की कोई कमी नहीं।

 

दो बार बरेली नगर निगम के मेयर रहे डॉक्टर तोमर,

शहर में तमाम विकास कराने के लिये भी जाने जाते है डॉक्टर तोमर,

डॉक्टर तोमर का अपना है निजी है वोट बैंक,

 

यह बातें उनके चुनाव को कर सकती है प्रभावित

डॉक्टर तोमर द्वारा प्रचार के लिए अधिक समय नहीं दे पाना, उनके चुनाव को प्रभावित कर सकती है।

सपा और उनके कार्यकर्ताओं में आपसी सामंजस्य की कमी,

सोशल मीडिया पर लाखों खर्च करने के बाद दमदार उपस्थिति की कमी,

चुनाव प्रचार में डॉक्टर तोमर के अपनों की कमी,

डॉक्टर तोमर के पास भाजपा जैसा चुनावी मैनेजमेंट का अभाव ,

सत्ता के दूर होने के चलते सपा दूर हुई है इसका असर भी डॉक्टर तोमर के चुनाव पर हो असर हो सकता है।

भाजपा के हिंदुत्व लहर को काटने का डॉक्टर तोमर के पास कोई काट नहीं है।

 

कांग्रेस प्रत्याशी डॉक्टर केबी त्रिपाठी के यह है प्लस और माइंस पॉइंट

डॉक्टर केबी मेयर पद के लिए पहली बार चुनाव लड़ रहे है। उनके साथ युवा जुड़ रहे है , इसका फायदा भविष्य में कांग्रेस को सकता है।

डॉक्टर केबी त्रिपाठी एक शिक्षक है इस नाते उनकी पकड़ घर घर तक है। इसका फायदा उन्हें हो सकता है।

डॉक्टर केबी त्रिपाठी पढ़े लिखे प्रत्याशी है।

डॉक्टर त्रिपाठी अपने राजनीतिक करियर में कांग्रेस से प्रवक्ता है।वह अक्सर कांग्रेस के पक्ष में टीवी चैनलों पर माहौल बनाते हुए दिख जाते है।

 

त्रिपाटी जी को इन बातों से हो सकता है नुकसान

कांग्रेस का घटता हुआ जनाधार उनके लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है।

कांग्रेस का जल्दी में कोई मेयर प्रत्याशी नहीं बना है इसका भी असर उनके चुनाव पर पड़ सकता है।

मीडिया मैनेजमेंट भी उनके चुनाव को प्रभावित कर सकता है।

कांग्रेस नेताओं की कोई बड़ी जनसभा नहीं होने के चलते केबी त्रिपाठी को सकता है चुनाव में  नुकसान,

बसपा के प्रत्याशी यूसुफ जरी वाले को इन बातों से हो सकता है फायदा

बीएसपी का पुराना चेहरा ,

यूसुफ बसपा के टिकट पर लड़ चुके है कई चुनाव,

सपा का सिंबल किसी मेयर प्रत्याशी के पास नहीं होने का यूसुफ को मिलेगा फायदा,

मुस्लिम वोटरों के पास यूसुफ के अलावा कोई बड़ा विकल्प नहीं ।

यूसुफ शहर के अच्छे रुपये पैसे वाले व्यक्ति माने जाते है।

 

 

यूसुफ को इन बातों से हो सकता है नुकसान

यूसुफ जरी वालों को भाजपा की मोदी योगी लहर में हो सकता है नुकसान,

शहर के कई हिस्सों में यूसुफ की रफ्तार बेहद है धीमी,

बसपा के बड़े नेताओं से प्रचार में मदद नहीं मिलने से यूसुफ हो सकता है नुकसान,

यूसुफ चुनाव के चुनाव के समय आते है  चर्चा में,

सोशल मीडिया पर बेहद कम सक्रिय रहते है यूसुफ,

बता दे कि मेयर पद के प्रत्याशियों के बारे में पत्रकारों के अपने निजी विचार है । यह खबर किसी को प्रभावित करने के लिए नहीं बल्कि इस मकसद के साथ लिखी गई है ताकि हमारे पाठक यह तय कर ले कौन सा व्यक्ति उनके लिए मेयर पद के लिए बेहतर हो सकता है।

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