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मौलाना शहाबुद्दीन ने गृहमंत्री को पत्र लिखकर पीएफआई के फिर से खड़े होने की जताई आशंका 

बरेली : आला हजरत दरगाह के धर्म प्रचारक एवं मुस्लिम धर्मगुरु के रूप में पहचान रखने वाले मौलाना शहाबुद्दीन ने पीएफआई के फिर से खड़े होने की चिंता जताते हुए देश के गृहमंत्री को पत्र लिखा है।  इस पत्र के द्वारा उन्होंने पीएफआई के फिर से खड़े होने की आशंका जताई है।  मौलाना ने कुछ दिन पहले एक पीएफआई से जुड़े किसी व्यक्ति पर धमकी देने के पुलिस से शिकायत की थी , जिसकी बरेली पुलिस जांच कर रही है।   दरगाह आला हज़रत से संबंधित संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं विख्यात मुस्लिम रिसर्च स्कॉलर मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा है कि भारत सरकार ने पॉपुलर फ्रन्ट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर 27 सितंबर 2022 को प्रतिबंध लगाकर अच्छा कदम उठाया है, भारत के सुन्नी सूफ़ी बरेलवी मुसलमानों ने हुकूमत के इस फैसले का भरपूर समर्थन किया है क्योंकि यह संगठन देश भर में अपनी कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार प्रसार कर रहा था।

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 पीएफआई एवं सिमी दोनों संगठनों के निशाने पर मुस्लिम युवा  
मौलाना ने याद दिलाते हुए कहा कि हम दो वर्ष से पीएफआई प्रतिबंधित करने की माँग कर रहे थे। पीएफआई पर प्रतिबंध मौलाना ने हुकूमत का देर से उठाया गया बेहतर कदम है उन्होंने गृह मंत्री से इस ओर ध्यान केंद्रित करने पर ज़ोर देने ज़ोर देने के साथ ही अंदेशा जताते हुए  बताया है कि गत वर्षों इस्लामिक स्टूडेंट्स ऑफ मूवमेंट (सिमी) पर भी भारत सरकार ने 6 अगस्त 2008 को  प्रतिबंध लगाया था। जिसमें कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। जिसके बाद भूमिगत हुए उन्हीं कट्टरपंथियों ने पीएफआई नाम से पुना उसी कट्टरपंथ की बुनियाद पर नया संगठन गठित कर लिया और हुकूमत को भनक भी नहीं लगी। कहा कि सिमी और पीएफआई दोनों ही मुस्लिम नौजवानों को टारगेट कर रहे थे क्योंकि इनकी विचारधारा कट्टरपंथी थी।

 

पीएफआई नए नाम से संगठन कर सकता है खड़ा 
मौलाना शाहबुद्दीन का दावा है कि  दस वर्ष में पीएफआई परवान चढ़ गया और खुल्लम खुल्ला देश के हर राज्य और सैकड़ों शहरों में ब्रांच  कामय होती रही, लिट्रेचर प्रेस से छप कर लाखों की तादाद में बंटता रहा और सरकारी विभाग खरगोश की तरह सोती रही। मौलाना ने गृह मंत्री अमित शाह को सुझाव देते हुए दोहराया कि पूर्व की भांति सिमी प्रतिबंधित होने पर पीएफआई खड़ा कर कट्टरपंथी विचारधारा को परवान चढ़ाया गया। अब कहीं फिर से पीएफआई प्रतिबंधित होने के बाद नए नाम से कोई संगठन खड़ा किया जा सकता है। मौलाना यह कहा कि ऐसी घृणित विचारधारा देश व समाज के लिए घातक है।   मौलाना ने यह भी कहा कि भारत की मिट्टी में सूफ़ीइज्म रचा, बसा हुआ है, यही चीज़ भारत को दूसरे मुल्कों से मुमताज़ और सर बुलंद करती है।

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