बरेली : उत्तर प्रदेश के बरेली जिले को योगी सरकार ने 111 करोड़ की लागत से बनने वाले कुतुबखाना ओवरब्रिज के रूप में बड़ी सौगात दी है। कुतुबखाना ओवरब्रिज का निर्माण फरवरी माह के अंत में पूर्ण होने की संभावना है। कहा यह भी जा रहा है कि सेतु निगम इसी महीने के अंत में बरेली वासियों को कुतुबखाना ओवरब्रिज पर फर्राटा भरते देखना चाहता है। इस संबंध में pwd के चीफ इंजीनियर पीके तिवारी ने स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के साथ कुतुबखाना ओवरब्रिज की प्रगति देखी साथ ही जल्द बचे हुए काम को पूरा करने के लिए ठेकेदार को कहा।
वहीं pwd के चीफ पीके तिवारी ने कहा कि मौसम ठीक होते ही रोड़ डलवाने का काम कराया जाएगा। उन्हें उम्मीद है कि फरवरी माह में शहरवासी कुतुबखाना ओवरब्रिज पर फर्राटा भर सकेंगे। साइट ठेकेदार सगीर खान ने बताया कि कुतुबखाना पुल करीब करीब बनकर तैयार है। पुल को दोनों हिस्सों से भी जोड़ दिया गया हैं। लिंटर और स्लैब का काम भी पूरा हो चुका हैं। बाकी काम भी जल्द पूरे किये जायेंगे।अभी पुल के रंग रोहन का काम भी चल रहा है।
1305 मीटर का है कुतुबखाना ओवरब्रिज
बरेली कुतुबखाना पुल की लम्बाई 1305 मीटर हैं। पुल के दोनों और क्रास बैरियर को भी लगाया जा रहा है। इस पुल के निर्माण होने से शहर की आबादी बिना जाम के इधर से उधर तो जा सकेगी तो दूसरी ओर शहर में सरकारी काम , बाजार के लिए आने वाले लोगो के लिए भी यह पुल काफी फायदेमंद साबित होगा । पुल से आपको दिल्ली जैसा नजारा भी देखने को मिलेगा , खासतौर से जिला अस्पताल की आर्थोपेडिक विभाग का गुम्बद , डाक विभाग का गुम्बद ,शहर से सटा गुरुद्वारा के साथ खूबसूरत मस्जिद , साथ ही आधुनिक घंटाघर यह सब शहर को एक नया रूप देने में मददगार साबित होने वाले है।
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कुतुबखाने पुल के निर्माण का हुआ था विरोध
कुतुबखाना ओवरब्रिज का निर्माण श्यामगंज पुल की तरह आसान नहीं था। यहां भी व्यापारियों के साथ अन्य स्थानीय ने भी पुल के निर्माण का विरोध किया था पर सरकार और स्थानीय प्रशासन की इच्छाशक्ति के चलते कुतुबखाना पुल बन सका। कहा यह भी जाता है मेयर उमेश गौतम ने व्यापारियों को उनके व्यापार का नुकसान नहीं होने का आश्वासन देते हुए पुल के निर्माण की राह आसान की थी।