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अपडेट न्यूज : बेटे की मौत के बाद भी मां -बाप बेटे को जिन्दा बताकर घर में रखे रहे शव , 17 महीने बाद हुआ अंतिम संस्कार ,

कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णपुरी रोशन नगर में एक परिवार पिछले 17 महीने से परिवार के बेटे की लाश के साथ रह रहा था। घटना की जानकारी तब हुई जब स्वास्थ्य विभाग की एक टीम उनके घर पहुंची। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा लेकिन परिवार पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहता था।  जिसके चलते पुलिस ने कागजी कार्रवाई के बाद शव को परिजनों के हवाले कर दिया। परिजनों ने देर शाम पुलिस की मौजूदगी में भैरव घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑर्डनेंस फैक्ट्री से रिटायर्ड कर्मचारी राम औतार रोशन नगर में अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनके तीन बेटे हैं जिसमे सबसे छोटा बेटा विमलेश अहमदाबाद में इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट अकाउंटेंट ऑफिसर के पद पर था। विमलेश की पत्नी मिताली किदवई नगर में मौजूद सहकारिता बैंक में नौकरी करती है। विमलेश के पिता राम औतार ने पुलिस को बताया कि 18 अप्रैल 2021 को विमलेश कोरोना संक्रमित हो गए थे। परिजनों ने उन्हें बिरहाना रोड स्थित मोती हॉस्पिटल में भर्ती कराया था, जहां उपचार के दौरान 22 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गई थी।अस्पताल प्रबंधन ने मृत्यु प्रमाणपत्र के साथ विमलेश के शव को परिजनों के हवाले कर दिया था। घर आने के बाद परिजन विमलेश के अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे तभी विमलेश की मां राम दुलारी को लगा की विमलेश के दिल की धड़कने चल रही हैं और वो ज़िंदा है यह बात कहकर उन्होंने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया।

तभी से विमलेश के माता पिता शव को एक कमरे में रखकर उसकी देखभाल कर रहे थे। गौरतलब है कि घर पर विमलेश की पत्नी के अलावा उसके दोनों भाइयों सुनील, दिनेश के परिवार भी रह रहे हैं।

जब स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंची थी तो विमलेश के माता-पिता का कहना था कि “डेढ़ साल से हमारा बेटा इसी हालत में है। हमने उसके शरीर पर कोई केमिकल नहीं लगाया है। शरीर में कहीं पानी निकलता था तो गंगाजल से साफ कर देते थे। शुरुआत में कुछ महीने बदबू आई, पर कुछ महीने बाद बदबू आनी बंद हो गई थी। हमारा बेटा जिंदा है…।”

दरअसल इस पूरे मामले की जानकारी तब मिली जब आयकर विभाग से सीएमओ को पत्र आया। पत्र मिलते ही शुक्रवार को सीएमओ ने डिप्टी सीएमओ डॉ. ओपी गौतम के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित कर दी थी। कमेटी में कल्याणपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ. अविनाश यादव, डॉ. आसिफ आदि थे।कमिटी ने बताया की जब वह घर पहुचे तो विमलेश का शव एक कमरे में पलंग के ऊपर पड़ा था। वो दिखने में बिलकुल ममी जैसा हो गया था। हैलट अस्पताल में डॉक्टरों ने शव का ई सी जी कराने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हैलट के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मौर्या ने बताया की शव ममीफाइड हो गया था और दूर से उससे बदबू भी नहीं आती थी।

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