मुमताज /अब्दुल वाजिद ,
बरेली : बहेड़ी थाना के ढाका फार्म में फंदे में फंसे तेंदुए को बचाने के लिए वनविभाग की टीम ने कई घंटे रेस्क्यू किया। कड़ी मशक्क्त के बाद वनविभाग की टीम अपने मिशन में सफल हो गई। वनविभाग ने तेंदुए को ट्रंकुलाइजर करके पिंजड़े में कैद कर लिया और मेडिकल परीक्षण करने के बाद उसे बिजनौर के जंगल में छोड़ने की तैयारी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि तेंदुए को क्षेत्र में कई दिनों से देखा जा रहा था जिससे ग्रामीण दहशत में थे। इसी बीच रविवार सुबह सूचना आई की ढाका फार्म में जंगली जानवरों से फसल बचाने के लिए लगाए गए फंदे में तेंदुआ फंस गया और दहाड़ने लगा।
इसी बीच फार्म में काम करने वाले खेत में तेंदुए को दहाड़ते हुए देखा तो वह दहशत में आ गया और दौड़ते हुए अपने मालिक के पास पहुंचा और पूरे मामले को बताया इसके बाद मामले की सूचना बहेड़ी एसडीएम के साथ वनविभाग को सूचना दी। इसके बाद सरकारी महकमे हरकत में आ गए। इसके बाद स्थानीय वन विभाग की टीम ने पीलीभीत टाइगर रिजर्व की टीम और सामाजिक वानिकी की टीम से मदद मांगी। कुछ घंटे के अंतराल पर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के माला रेंज और सामाजिक वानिकी के अमरिया की टीम मौका पर पहुंची और जाल में फंसे तेंदुए को कड़ी मशक्कत के बाद बंधन मुक्त कराया और पिंजरे में कैद कर दिया।

डॉ राजुल ने तेंदुए को किया ट्रंकुलाइज
टाइगर रिजर्व की टीम और सामाजिक वानिकी की टीम ने तेंदुए को बंधन मुक्त कराने से पहले उसे बेहोश करने की रणनीति बनाई गई जिसके बाद डॉ राजुल ने डॉट मारकर तेंदुए को बेहोश किया और सुरक्षित उसे जाल से बाहर निकाल कर पिंजड़े में कैद किया। हालांकि इस रेस्क्यू में तेंदुए के एक पैर आंशिक रूप से चोटिल हो गया।

बिजनौर के अमानगढ़ में छोड़ा जाएगा तेंदुआ
तेंदुए के जाल में फंसने की सूचना के बाद वन विभाग के तमाम आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद डॉक्टरों की टीम ने तेंदुए का चेकअप किया । बाद में तेंदुए को बिजनौर के अमानगढ़ इलाके में छोड़ने का फैसला हुआ। वनविभाग के अधिकारी भी तेंदुए को बिजनौर के जंगल में छोड़ने के बात की भी पुष्टि कर रहे है।