मुजस्सिम खान,
उत्तर प्रदेश की राजनीति में कभी बड़ा सियासी कद रखने वाले सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान निकाय चुनाव के दौरान नगरपालिका के अपने वार्ड से अपने समर्थक प्रत्याशी को सभासद का चुनाव तक नहीं जीता पाए हैं। इस चुनाव में आजम खान के प्रत्याशी को तरन्नुम तनवीर ने करारी शिकस्त दी है।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान का रामपुर गृह जनपद है बीते सालों में उनके सियासी रसूख का यहीं पर नहीं आसपास के जनपदों में भी बोलबाला रहा है। मंडल की कई सीटों पर उनके भाषणों से सियासी बाजी पलटती रही है। लेकिन वक्त बदलने के साथ ही उनकी सियासत का कद भी घटने लगा है जिसका जीता जागता सबूत चंद रोज पहले हुए नगर निकाय चुनाव में साबित हो चुका है। आजम खान के जबरदस्त समर्थन के बावजूद पार्टी प्रत्याशी एवं पूर्व चेयरमैन फातमा जबीं चुनाव हार चुकी हैं। तो वही अब हैरान करने वाली एक खबर यह भी है कि उनके द्वारा अपने निवास स्थान के पालिका के वार्ड में सभासद प्रत्याशी बनाए गए दुन्नू खान की पत्नी सायरा को भी चुनाव नहीं जीता पाए हैं।
उनके प्रत्याशी को इसी वार्ड की तरन्नुम तनवीर ने करारी शिकस्त देकर आजम खान के सियासी कद को नेस्तनाबूद करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है। दरअसल आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्लाह आजम की विधायकी रद्द होने के साथ ही उनके वोट देने के अधिकार को भी समाप्त कर दिया गया है बावजूद इसके उनके द्वारा अपने बेहद करीबी दुन्नू खान की पत्नी सायरा को इस छोटे से चुनाव में समर्थन दिया गया था और वही उनकी पत्नी व अन्य परिवार जनों ने पोलिंग बूथ पर पहुंचने के बाद वोट भी डाले थे । इन सबके बाद भी आजम खान की सभासद प्रत्याशी चुनाव हार गयी।
सभासद पति तनवीर अहमद खान गुड्डू के मुताबिक छोटे से इस चुनाव में भी सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने अपनी प्रत्याशी सायरा को जिताने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी थी लेकिन वक्त के साथ उनका सियासी कद घट चुका है जिसका परिणाम सपा प्रत्याशी की हार के रूप में सबके सामने हैं। बात भले ही छोटी सी है और यह चुनाव भी छोटा सा ही था लेकिन फिर भी इस चुनाव पर सबकी नजर थी। बरहाल आजम खान के सियासी रसूख के साथ ही उनके प्रत्याशी की भी इस चुनाव में करारी हार हुई है और वह मतगणना के बाद चौथे नंबर पर रहा है।