अमीन को बचाने के लिए जांच में किया खेल, पीड़ित के सबूत छिपाए, शिकायत को बताया निराधार

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बरेली, एनवीआई रिपोर्टर

सेक्स स्कैंडल चलाने के आरोप में जेल जा चुके अमीन मनोज यादव की जड़ें विभाग में भी काफी गहराई तक फैली हैं। आरसी की रकम हड़पने के मामले में अमीन मनोज यादव के खिलाफ की गई शिकायत की जांच में सदर तहसील के नायब तहसीलदार विदित कुमार यादव ने भी खेल कर दिया। डीएम बरेली को भेजी गई जांच रिपोर्ट में नायब तहसीलदार ने शिकायतकर्ता ने पेश किए सबूतों को दरकिनार कर आरोपी अमीन के बयानों को आधार बनाकर शिकायत को निराधार बता दिया। पीड़ित पक्ष ने नायब तहसीलदार विदित कुमार यादव की जांच रिपोर्ट को गलत बताते हुए इस मामले की डीएम से दोबारा शिकायत की है।

यह है पूरा मामला

बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र के मोहल्ला नवादा शेखान निवासी मीना रानी पत्नी स्व कालीचरन के यहां बिजली चोरी पकड़ी गई थी। जुर्माने के रुपये जमा न करने पर बिजली विभाग ने मीना रानी के बेटे सूरज पुत्र कालीचरन के खिलाफ आरसी काट दी। मीना रानी के मुताबिक कटरा चांद खां मोहल्ले में रहने वाला उनका रिश्तेदार रवि मौर्य एक दिन उनके घर पहुंचा और 27,500 की आरसी कटने की बात बताते हुए रकम जमा करने को कहा। इसके 15 दिनों बाद रवि मौर्य 7-8 लोगों को अपने साथ लेकर दोबारा मीना रानी के घर पहुंचा। उनमें एक व्यक्ति ने अपना नाम मनोज यादव बताया। उसने खुद को अमीन बताते हुए आरसी के रुपये जमा करने को कहा। मीना रानी के कुछ दिनों की मोहलत मांगने पर उस समय सभी चले गए।

सीसी टीवी कैमरे में कैद हुए सभी आरोपी

मीना रानी के मुताबिक 9 मई 2025 को रवि मौर्य फिर उन्हीं 7-8 लोगों को लेकर उनके घर पहुंचा। मीना ने मोहल्ले वालों के सामने 27,500 रुपये नकद रवि मौर्य को दिए थे। उन्होंने रसीद मांगी तो रवि मौर्य ने तहसील का खर्चा बताकर 8 हजार रुपये और देने को कहा। इस पर मीना रानी ने कहा कि वह 8000 रुपये अपने जेठ के लड़के ओमप्रकाश मौर्य से लेकर देंगी, जिस पर सभी चले गए। 20 मई 2025 को रवि मौर्य अपने साथ पांच-छह लोगों को लेकर ओमप्रकाश मौर्य के घर जा धमका, जिनमें अमीन मनोज यादव भी शामिल था। ओमप्रकाश मौर्य के मुताबिक उनकी चाची विधवा हैं। इसलिए मदद के तौर पर उनके बताए अनुसार आठ हजार रुपये रवि मौर्य को दे दिए, जिसकी सीसीटीवी फुटेज उनके पास हैं।

रकम देने के बावजूद नहीं मिली रसीद

तहसील खर्च के नाम पर मांगे रुपये देने के बावजूद मीना रानी को रसीद नहीं दी गई। परेशान होकर उन्होंने 23 जुलाई 2027 को मामले की शिकायत डीएम बरेली से की। डीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार विदित कुमार यादव ने मामले की जांच की। उन्होंने अमीन मनोज यादव को बचाने के लिए पूरा खेल कर दिया। जांच में शिकायतकर्ता की ओर से दिया गया कोई सबूत शामिल नहीं किया गया। केवल आरोपी अमीन के बयानों के आधार पर जांच रिपोर्ट बनाकर तहसीलदार के माध्यम से डीएम को भेज दी गई।

शिकायतकर्ता जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट, डीएम से दोबारा की शिकायत

पीड़ित पक्ष नायब तहसीलदार विदित कुमार यादव की जांच पूरी तरह असंतुष्ट है। उनका आरोप है कि अमीन मनोज यादव को लाभ पहुंचाने के लिए जांच एक पक्षीय और मनमाने तरीके से की गई है। डीएम बरेली को दोबारा दी गई शिकायत में मीना रानी ने लिखा है कि नायब तहसीदार ने जांच आख्या जातिगत आधार पर अपनी जाति के अमीन मनोज यादव के बचाव में फर्जी और गलत तथ्यों पर प्रेषित की है। जांच आख्या में उनके द्वारा दिए गए शपथ पत्र और सीसीटीवी कैमरे के फुटेज का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। उन्होंने मामले की दोबारा जांच कराने और आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी आदि की एफआईआर दर्ज कराने की गुहार लगाई है।

दूसरी शिकायत की विस्तरित जांच होगी

जांचकर्ता नायब तहसीलदार विदित कुमार ने फोन पर बताया कि आईजीआरएस पर आने वाली शिकायत के निस्तारण की समय सीमा तय होती है। इसलिए जांच करके आख्या भेज दी गई है। दूसरी शिकायत रवि मौर्य की ओर से दी गई है, जिसकी विस्तरित जांच की जाएगी।

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Author: newsvoxindia

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