भोजीपुरा। गंभीर लापरवाही और डॉक्टरों की बड़ी चूक के चलते नवविवाहिता जिंदगीभर के लिए मां बनने का हक खो बैठी। भोजीपुरा के नैनीताल हाईवे पर अवैध रूप से चल रहे ए-वन अस्पताल
मामला 3 जून का है, जब भोजीपुरा क्षेत्र के गांव डहिया निवासी ताहिर खां ने अपनी पत्नी नूरजहां को ए-वन अस्पताल में भर्ती कराया था। यहां डॉक्टरों ने प्रसव के दौरान मृत बच्चा निकालने के लिए 6 जून को ऑपरेशन किया, लेकिन लापरवाही इतनी घातक रही कि ऑपरेशन के बाद पेट में खून सोखने वाला कपड़ा ही छोड़ दिया।
कुछ दिनों बाद नूरजहां की तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे बरेली शहर के निजी अस्पताल ले गए। जांच में सामने आया कि पेट में कपड़ा रह जाने से उसकी बच्चेदानी पूरी तरह खराब हो चुकी है। डॉक्टरों को मजबूरी में बच्चेदानी निकालनी पड़ी, जिससे नवविवाहिता अब कभी मां नहीं बन सकेगी।
घटना की शिकायत एडीजी रमित शर्मा तक पहुंची, जिनके आदेश पर भोजीपुरा पुलिस ने अस्पताल मालिक व डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। आज पीड़ित पक्ष ने डीएम से मिलकर कार्रवाई की गुहार लगाई। डीएम के निर्देश पर सीएमओ ने टीम भेजी और शनिवार को ए-वन अस्पताल को सील कर दिया।
सीलिंग की कार्रवाई के दौरान पीड़िता के ससुर लियाकत खां ने गुस्से में कहा— “जब तक दोषी डॉक्टर पर सख्त कार्रवाई नहीं होगी, हमारे दिल को सुकून नहीं मिलेगा।”
