पत्नी भूली सात जन्मों तक साथ देने का वादा।
बरेली : फतेहगंज पूर्वी में एक पत्नी ने अपने पति की हत्या इसलिए करा दी क्यूंकि उसका अपने पति के दूर के भांजे के साथ प्रेमप्रसंग था और वह एक दूसरे के साथ जिंदगी बिताना चाहते थे। इसी के चलते महिला ने अपने प्रेमी और उसके दोस्त के साथ पति को मारने की योजना बनाई और उसे अंजाम दे डाला। हालांकि मामला ज्यादा दिन छिप नहीं पाया। पुलिस ने सर्विलांस और तमाम सबूतों के आधार पर मृतक की पत्नी सहित उसके प्रेमी और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया।
गुमशुदगी मृतक रामवीर के भाई अशोक ने 21 सितम्बर को फतेहगंज पूर्वी थाने में दर्ज कराई थी। इसी बीच पुलिस रामवीर को तलाश करने कोशिश थी। 24 सितंबर को रामवीर का शव निकसुआ रेलवे फाटक पास पड़ा हुआ मिला था। उस वक्त मृतक के पिता शिवराज ने अपने बेटे के शव की शिनाख्त थी। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच करते हुए मानवेन्द्र पुत्र रणवीर सिंह ,सौरभ उर्फ छोटे पुत्र मुनीश निवासी निकसुआ सहित मृतक की पत्नी आरती वर्मा पत्नी रामवीर निवासी शिवपुरी को गिरफ्तार कर लिया।
अभियुक्त मानवेन्द्र ने आरती को बताया स्कूली प्यार
फतेहगंज पुलिस ने तीनों अभियुक्तों सख्ती दिखाई तो मानवेन्द्र ने बताया कि उसके मृतक की पत्नी आरती से कक्षा 9 से प्रेमप्रसंग थे। जिसके कारण दोनों फोन से एक दूसरे से बातचीत करते रहते थे। इसी बात को लेकर आरती और रामवीर में अक्सर लड़ाई भी हो जाती थी। आरती रामवीर के साथ नहीं रहना चाहती थी। बाद में आरती ने साजिश रचकर एक सिम तिलहर से ख़रीदा और उसे दे दिया बाद में उसने दोस्त के साथ सौरभ के साथ मिलकर रामवीर को टिसुआ में पार्टी करने के बहाने से बुला लिया। रामवीर ने वहां पहुंचकर जमकर दारु पी , जब वह बेहोस हो गया तो उसने सौरभ के साथ मिलकर रामवीर को ट्रेन के पटरी के बीच डाल आये और ट्रेन से कटने के चलते रामवीर की मौत हो गई।
एसपी ग्रामीण ने रामवीर की हत्या का किया खुलासा
एसपी ग्रामीण मुकेश चंद्र मिश्र ने बताया कि रामवीर की हत्या का आज खुलासा किया गया है। रामवीर की हत्या में उसकी पत्नी आरती उसका दूर का भांजा मानवेन्द्र और उसके दोस्त सौरभ को गिरफ्तार किया गया है। इनके खिलाफ मिले तमाम सबूतों के साथ माननीय न्यायालय के सामने पेश किया जा रहा है। हत्या के पीछे की वजह जो निकलकर आई है उसके मुतबिक मृतक की पत्नी आरती के मानवेन्द्र के साथ शादी के पूर्व दो तीन वर्ष के बाद से प्रेम प्रसंग थे। जो अभी तक चले आ रहे थे।
