रामपुर: जिले का सरकारी अस्पताल इनदिनों बिजली कटौती से हलकान है। कभी इस अस्पताल की हालत ऐसी थी कि यहां बिजली जाना भी चर्चा का विषय बन जाता था। अस्पताल के कर्मचारी गाज गिरने की आशंका से भयभीत हो जाते थे | सपा की अखिलेश सरकार में आजम खान जब वरिष्ठ मंत्री थे तो उन्होंने इसी दौरान 300 बेड के जिला अस्पताल का करोड़ों की लागत पुनः निर्माण कराया था। यही कारण है कि इसकी भव्यता और सुंदरता आज भी देखते ही बनती है।
अस्पताल में हमेशा से चिकित्सकों की कमी रही है और यह बात को शासन से लेकर प्रशासन तक जानता है। जिले में विधुत सप्लाई में हो रही अंधाधुंध कटौती के चलते जहां उपचार करा रहे मरीज परेशान है|अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल परिसर में कई बड़े-बड़े जनरेटर काफी समय पहले स्थापित किए जा चुके है। इन जनरेटरों से होने वाली विधुत सप्लाई की पोल उस समय खुल गई। जब भीषण गर्मी में 2 घंटे के लिए विधुत सप्लाई पूरी तरह से गुल हो गई, जिसके बाद जहां मरीज और उनके तीमारदार पसीना पसीना हो गए । अस्पताल के जनरेटर से होने वाली बिजली सप्लाई के बारे में सीएमएस डॉक्टर एचके मित्रा से पूछा तो उन्होंने बताया कि किसी जगह से जिला अस्पताल के लिए सरकारी डीजल उधार आता था। उन्होंने भी उधार देने से मना कर दिया। ऊपर से पैसा नहीं आ रहा है ,जिसके कारण बिजली की जिला अस्पताल में समस्या हो रही है।
