कई शुभ योगों के महासंगम में हरियाली अमावस्या, देगी चमत्कारिक फल

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बरेली। श्रावण मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या कहा जाता है। जो इस बार 28 जुलाई बृहस्पतिवार के दिन है। इस बार की हरियाली अमावस्या पर कई शुभ ग्रहों का महासंगम होगा। जिस कारण इस पर्व की महत्वा कई गुना अधिक बढ़ जाती है। सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। और इस माह की हरियाली को मां पार्वती का स्वरूप कहा जाता है। इसलिए इस दिन वृक्षारोपण करने से प्रकृति प्रसन्न होती है। यानी भगवान शिव के साथ मां गौरी भी आशीर्वाद देती हैं। जिन जातक की कुंडली में कोई भी ग्रह दोष है। वह इस दिन ग्रह के अनुसार पेड़ पौधे लगा सकते हैं ।वैसे तो अमावस्या पर पूजन अर्चन करने से पितृ भी प्रसन्न होते हैं। कालसर्प दोष भी शांत होता है। और सभी प्रकार की नकारात्मकता खत्म हो पर सुख शांति में वृद्धि होती है। इस अमावस्या को पितरों की पूजा, भोलेनाथ और पार्वती की पूजा का विशेष फल प्राप्त होता है।अमावस्या का मान वैसे तो गत दिवस 27 जुलाई को रात्रि 9:11 पर शुरू हो जाएगा ।जो 28 जुलाई को मध्य रात्रि 11:30 तक रहेगा। इस दिन स्नान दान पूजन अर्चन दरिद्रो की सहायता पिंड दान इत्यादि करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। श्रावण में अमावस्या होने कारण इसे श्रावणी अमावस्या भी कहते हैं।

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इस तरह होगा ग्रहों का महासंगम और उससे फायदा

इस बार हरियाली अमावस्या तिथि पर सूर्य, बुध, चंद्रमा एक साथ कर्क राशि में विद्यमान रहेंगे इसे त्रिगृही योग कहा जाता है। साथ ही तीन राजयोग का निर्माण भी हो रहा है। दरअसल अमावस्या के दिन शश,रुचक और हंस राजयोग बन रहे है। ये तीनों योग शनि,मंगल और बृहस्पति ग्रह के संयोग से बने है। वहीं इन तीन राजयोग के अलावा हरियाली अमावस्या के दिन गुरु-पुष्य योग भी बन रहेगा। गुरु-पुष्य योग बहुत ही शुभ योग और बलिष्ठ कारक माना जाता है। इस योग में अगर किसी भी काम की शुरुआत करते हैं। तो सफलता अवश्य मिलती है। कुल मिलाकर इस तरह इन सभी शुभ ग्रह योगों का महासंगम हरियाली अमावस्या पर चमत्कारिक सिद्ध होगा।

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Author: newsvoxindia

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