मीरगंज। एक तरफ सरकार बच्चों की शिक्षा पर जोर देने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ बच्चों और ग्रामीणों के लिए सड़कें किसी खतरे से कम नहीं हैं। सलामतगंज गांव की सड़कों की दयनीय स्थिति को देखकर लगता है कि विकास कार्यों की गति ठप पड़ी है। यहाँ यह समझना मुश्किल है कि सड़क में कीचड़ है या कीचड़ में सड़क।
नंदगांव के प्रधान वीरेंद्र गंगवार ने बताया कि सड़कों पर इतनी कीचड़ जमा हो गई है कि यहां से गुजरने वालों को हर रोज़ मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से स्कूल जाने वाले बच्चों को इस मार्ग से गुजरते समय कई बार फिसलकर चोटें लग जाती हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खराब सड़कों और जलभराव की वजह से दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।
सरकार की ओर से गांवों में स्वच्छ पेयजल के लिए पानी की टंकी लगाई गई है, लेकिन नंदगांव में पिछले कई दिनों से सड़क पर पानी का बहाव लगातार जारी है, जिससे न सिर्फ सड़कों पर कीचड़ जमा हो गया है, बल्कि ग्रामीणों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है। प्रधान वीरेंद्र गंगवार ने बताया कि पिछले दस दिनों से गांव पानी की लीकेज की समस्या से जूझ रहा है, लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है।