बरेली । बंगलादेश के मुद्दे पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शाहबुद्दीन अपने समर्थकों के साथ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शनकर
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जिला अधिकारी बरेली के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को सम्बोधित एक ज्ञापन सौंपा, जिसका नेतृत्व जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने किया। ज्ञापन में कहा गया कि गत कई दिनों से बंगलादेश में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है। बंगलादेश के अल्पसंख्यक अपनी आवाज़ बुलंद करते है तो उनको देशद्रोही करार देकर गिरफ्तार किया जा रहा है।
मौलाना बरेलवी ने कहा कि भारत के मुसलमानो को वहां के हालात देखकर बहुत ज्यादा दुख और तकलीफ़ हो रही है अगस्त 2024 में निर्वाचित शेख़ हसीना की हुकूमत का तख्ता आन्दोलन कारियों ने पलट दिया। उनको अपनी जान के लाले पड़ गये, जान बचाने के लिए उनको बंगलादेश छोड़ना पड़ा। ये आन्दोलन कारी कट्टरपंथी विचार धारा रखते है, इन्होंने पूरे बंगलादेश की आवाम को एक तरह से बंधक बना रखा है। पाकिस्तान की ISI एजेंसी और अमेरिका के सहयोग से कट्टरपंथी संगठनों ने शेख़ हसीना के खिलाफ बड़े पैमाने पर साजिश रची, उनके देश छोड़ते ही बंगलादेश के अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर खुल्लम खुल्ला अत्याचार होने लगा। दुर्गा पूजा के पंडालों को उखाड़ा गया, मढ़ और मंदिरों पर हमले किये गये, हिन्दुओं के घरो में आग लगा दी गई, इन तमाम घटनाओं से भारत का मुसलमान दुखी है। मौलाना ने ज्ञापन के माध्यम से अनुरोध किया है कि बंगलादेश की इस संगीन सूरत-ए-हाल से निपटने के लिये जल्द से जल्द कदम उठाये जाये।
नोबल पुरस्कार प्राप्त मुहम्मद युनूस पर दबाव बनाया जाये कि वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करें और जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनको रिहा किया जाये और अगर बंगलादेश की हुकूमत भारत सरकार की बातो को नही मानती है और अल्पसंख्यको पर इसी तरह अत्याचार के खिलाफ प्रस्ताव लाये। UNO के माध्यम से बंगलादेश हुकूमत को घुटने टेकने पर मजबूर किया जाये। ज्ञापन देने वालों में मुख्य रूप से हाफिज अब्दुल वाहिद नूरी, मौलाना फारूक, शाहिद रजवी, वसीम मियां, रशीद खां, मोहम्मद आरिफ, शाहिद खां, आबीद हुसैन,आरीफ रजा , फैसल एडवोकेट, असलम अंसारी, कासीफ अली , इकबाल अंसारी आदि उपस्थित रहे।