आंवला ।। पेड़ लगाओ पेड़ बचाओ अभियान के अंतर्गत हर घर तुलसी, घर-घर तुलसी, मिशन छाया, एक पेड़ मां के नाम, एक मार्ग एक प्रजाति जैसे प्रेरणादायक और जमीन से जुड़ी भावनाओं के ज़रिए सरकार ने जन-जन को पौधारोपण से जोड़ने की एक अच्छी और असरदार मुहीम चलाई। कोई भी योजना अपना असर तभी रखती है जब जन-साधारण बढ़-चढ़कर उसमें प्रतिभाग करें। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी राज्य सरकार ने बहुत बड़ी संख्या में वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा है और हर विभाग को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है।
साथ ही जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए भी व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया गया है। आधुनिक समय में पृथ्वी के तापमान में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए समय की मांग है कि न सिर्फ पृथ्वी को हरियाली की चादर ओढ़ाकर पाट दिया जाए बल्कि इस हरियाली की सतत देखभाल कर इसे सहेजा और संभाला भी जाए। जिस गति से हमने पेड़ों का अंधाधुंध दोहन किया उस गति से उसका रोपण नहीं किया गया। नतीजतन ग्लोबल वार्मिंग के खतरे में वृद्धि हो रही है। जो समय के साथ-साथ कहीं सूखा, कहीं बाढ़ तो कहीं अतिवृष्टि आदि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के रूप में सामने आ रही है। इन्हीं खतरों को भांपते हुये वृक्षारोपण की महत्ता को स्वीकार कर सरकार ने शिक्षा विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों को भी पौधे उपलब्ध करवाकर इन्हें रोपित करवाने और इनकी सुरक्षा और संवर्धन का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है।
साथ ही इसकी वास्तविकता निर्धारण हेतु विद्यालयों और विभागों में वृक्षारोपण के समय स्थलों की जियो टैगिंग करते हुए पौधा लगाते हुए सेल्फी अपलोड करने का आदेश भी दिया गया है। हालांकि अधिकांश जगह ऐप के सही से कार्य न करने की शिकायतें भी प्राप्त हुईं। बावजूद इसके लोगों और कर्मचारियों में अभियान के प्रति सकारात्मक रुझान देखने को मिला। नगर के प्राथमिक विद्यालय घेर में प्रियदर्शिनी, मानवता, निर्मेश कुमार, हेमंत, शबीना, कुसुमा आदि ने वृक्षारोपण कार्य में सहयोग किया और विद्यार्थियों को पौधों से प्राप्त होने वाले लाभों से परिचित भी कराया। साथ ही गंज द्वितीय, किला द्वितीय, भुर्जी टोला आदि विद्यालयों और अन्य विभागीय स्थलों पर लोगों ने बढ़-चढ़कर पौधारोपण में रुचि दिखाई। नगर क्षेत्र के निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों में वृक्षारोपण कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु लोगों में उत्साह देखा गया।