गोला गोकर्णनाथ से जलाभिषेक करके अपने घर लौट रहे शाहजहांपुर के खुदागंज इलाके में रहने वाले कांवरिया को ट्राली ने कुचल दिया। हादसे की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने घायल कांवरिया को सीएचसी पहुंचा दिया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसका पता लगने पर मृतक के परिवार में कोहराम मच गया।
शाहजहांपुर जिला के खुदागंज थाना क्षेत्र के गांव खेड़े नवादा निवासी 30 वर्षीय विजयवीर पुत्र यशपाल लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ से जलाभिषेक करने के बाद अन्य कांवड़ियों के साथ ट्रैक्टर-ट्राली से अपने घर लौट रहे थे। रास्ते में पुवायां -निगोही रोड पर एसडीएम मोड़ के पास ट्रैक्टर-ट्राली खड़ी करके सभी कांवरिया पानी पीने के लिए नीचे उतरे। कांवड़ियों के दोबारा बैठ जाने के बाद चालक ने ट्रैक्टर-ट्राली वहां से रवाना कर दी, लेकिन विजयवीर पानी पीता रह गया।
उसने ट्रैक्टर-ट्राली जाते देख पीछे से दौड़ लगा दी। उसने दौड़ते हुए ट्राली पकड़कर उसमें बैठने की कोशिश की, लेकिन अचानक ट्राली से उसका हाथ फिसल गया, जिससे वह नीचे जमीन पर जा गिरा। तभी उसी ट्राली का पहिया विजयवीर के सिर पर उतर जाने से बुरी तरह कुचल गया। फिर तो वहां खलबली मच गई। हादसे की सूचना फौरन पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने अपनी गाड़ी से घायल कांवरिया विजयवीर को सीएचसी पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। हादसे की सूचना पर सीएचसी पहुंचे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।
मेडिकल कॉलेज में नौकरी करते थे विजयवीर
मृतक के भतीजे बंटू ने बताया कि विजयवीर मेडिकल कॉलेज बरेली में नौकरी करते थे, और वहीं रहते थे। सोमवार को कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए गांव आए थे। शाम को उसी गांव के मनोज के नेतृत्व में ट्रैक्टर-ट्राली से कावड़यात्रा निकाली गई, जिसमें लगभग 70 श्रृद्धालु शामिल हुए। कावड़यात्रा में शामिल एक ट्रैक्टर में दो ट्रालियां जुड़ी थीं। सभी कांवड़िया फर्रुखाबाद के घटिया घाट गंगाजल लेकर मंगलवार को लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ के लिए रवाना हुए। जहां बुधवार की सुबह सभी ने जलाभिषेक किया। वहां से ट्रैक्टर-ट्राली में घर लौट रहे थे। तभी पुवायां-निगोही रोड पर हादसा हो गया।
बेटा-बेटी के सिर से उठा पिता का साया
विजयवीर के घर में पत्नी शिवानी के अलावा उनकी सात वर्षीय पुत्री दिव्यांशी और पांच साल का बेटा है, जिनके सिर से पिता का साया हमेशा के लिए उठ गया। परिवार वाले विजयवीर के लौटने का इंतजार कर रहे थे। वह तो नहीं लौटे, उनमे मरने की मनहूस खबर पहुंच गई। हादसे की सुनकर पत्नी शिवानी बेसुध हो गई। इस हादसे की खबर मिलने के बाद से पूरे गांव में मातम छाया है।
